April 26, 2025
cyber-fraud-22-01-2023-1280-720-1

झंकार मोड़ पर रहने वाले ने क्रिप्टो करेंसी के आनलाइन कारोबार लिंक के एप से जुड़कर ठगों के निर्देश पर गंवाए

महानंदा पाड़ा निवासी दूसरे पीड़ित ने फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश के विज्ञापन के मिले निर्देश पर गंवाए 47 लाख

शेयर बर बाजार तो वैसे ही जोखिमों से भरा है। साइबर ठगी के इस दौर में यह जोखिम और खतरनाक हो चला है। चौगुना लाभ के लालच शहर के दो लोग अपनी लाखों की जमापूंजी ठग के हाथ थमा बैठे। हालांकि ठगी का माजरा समझ में आने पर दोनों ने सिलीगुड़ी साइबर क्राइम थाना में शिकायत तो दर्ज कराई है, लेकिन वह पूंजी वापस मिलने की उम्मीद सूखी घास में सुई खोजने जैसा है। इंटरनेट मीडिया पर लोगों का बढ़ता विश्वास ही मूर्खता साबित होता है। इन दोनों घटनाओं में भी कुछ ऐसा ही हुआ है।झंकार मोड़ निवासी एक व्यक्ति को क्रिप्टो करेंसी के आनलाइन कारोबार में अधिक मुनाफा का लालच भरा विज्ञापन के साथ एक लिंक मिला। उस लिंक के जरिए वह एक आन लाइन ट्रेडिंग एप से जुड़ा और उसमें अपना खाता खोला। फिर ठगों से मिल रही दिशा-निर्देशों के अनुसार उस एप के जरिए कई बैंक खातों में उसने पहले 11 लाख रुपया भेजा। शाम को लाभांस के साथ निकासी का प्रयास करने में विफल रहा। फिर टेलीग्राम पर जिस नंबर से उसे लिंक मिला था, उससे संपर्क साधने पर उसे बताया गया कि आईडी या पासवर्ड में गलती होने की वजह से उनका खाता फ्रीज कर दिया गया है। उसे खुलवाने के लिए 13 लाख रुपया जमा कराया होगा। खाता खुलते ही यह रकम वापस कर दिया जाएगा। 11 लाख को बचाने के लिए 13 लाख जमा करा दिया तो यह प्रक्रिया चलने लगी। हर बार एक नया बहाना बताकर रुपया भेजने का दिशा-निर्देश मिलता। और इस तरह इस व्यक्ति ने कुल 33 लाख रुपया ठगों के हाथ में थमा बैठे।
दूसरी घटना महानंदा पाड़ा निवासी व्यक्ति के साथ हुई है। उन्हें फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश से चौगुना मुनाफा वाला विज्ञापन मिला। उस लिंक के जरिए उन्हें दो सलाहकार मिले, जिन्होंने एक वेबसाइट के मार्फत शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाने का दिशा दिखाया। उनके बहकावे में आकर इन्होंने कुल 47 लाख रुपया कई बैंक खातों में भेज दिया। लेकिन जब निकासी की बारी आई तो सलाहकार ने अग्रिम टैक्स के रूप में पांच लाख की मांग निकासी पर रोक लगा दी। उसके एक दिन बाद वह वेबसाइट भी काम करना बंद कर दिया।सिलीगुड़ी साइबर क्राइम थाना पुलिस की माने तो दोनों को शेयर बाजार की तनिक भी जानकारी नहीं है। इन लोगों ने किराना दुकान, इंटरप्राइजेज आदि का नाम पर खोले गए बैंक खातों में लाखों रुपया आनलाइन ट्रांस्फर कर दिया। जबकि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए बचत खाते के साथ डीमैट खाता होना अनिवार्य है। पुलिस अधिकारियों की माने तो इंटरनेट के इस दौर में सतर्कता ही आनलाइन फ्राड से बचने
का एकमात्र रास्ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *