June 29, 2025
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय (एमएचए) के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर (जेएंडके) में आतंकवाद से निपटने में मोदी सरकार की उपलब्धियों पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से भारत के संविधान निर्माताओं का सपना पूरा हुआ है, जिससे पूरे देश के लिए “एक संविधान, एक झंडा” सुनिश्चित हुआ है। आतंकवाद के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर प्रकाश डालते हुए शाह ने पिछली सरकारों की नरमी की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा उपायों को काफी मजबूत किया गया है। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में आंकड़े पेश किए, जिसमें कहा गया कि 2004 से 2014 के बीच जम्मू-कश्मीर में 7,217 आतंकी घटनाएं हुईं, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 2,242 रह गई। इसी तरह, मोदी सरकार के तहत इस क्षेत्र में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों में 70% की कमी आई है। गृह मंत्रालय की भूमिका को स्पष्ट करते हुए शाह ने माना कि कानून और व्यवस्था अलग-अलग राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती है, जबकि सीमा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अधीन आती है। उन्होंने बताया कि आज कई अपराध राज्य की सीमाओं तक सीमित नहीं रह गए हैं, उन्होंने नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह और हवाला लेन-देन जैसे उदाहरण दिए, जिनमें अक्सर अंतरराज्यीय या यहां तक ​​कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन शामिल होते हैं। शाह ने तर्क दिया कि अपराध की बदलती प्रकृति के कारण गृह मंत्रालय में बड़े संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया, “कई अपराध देश के बाहर से किए जाते हैं, जिससे गृह मंत्रालय के लिए नई चुनौतियों के अनुकूल होना आवश्यक हो जाता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम मोदी की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और अधिक सुसंगत कानून प्रवर्तन ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय में लंबे समय से लंबित बदलाव किए हैं।

गृह मंत्री ने आतंकवाद, सीमा खतरों और संगठित अपराध से निपटने के लिए हाल ही में अपनाई गई नीतियों और उपायों का भी बचाव किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सख्त सीमा नियंत्रण और आतंकवाद विरोधी अभियान सुनिश्चित करते हुए आंतरिक सुरक्षा चिंताओं से सफलतापूर्वक निपटा है। अपने भाषण का समापन करते हुए अमित शाह ने फिर से पुष्टि की कि राष्ट्रीय सुरक्षा मोदी सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने विभिन्न सुरक्षा नीतियों की सफलता का श्रेय दृढ़ निर्णय लेने और केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय को दिया। उन्होंने संसद को यह भी आश्वस्त किया कि भारत का सुरक्षा तंत्र उभरते खतरों से निपटने और भविष्य में नई चुनौतियों के अनुकूल होने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है।

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