
बाढ़ के जमुनीचक गांव के पास बख्तियारपुर मोकामा फोरलेन पर सोमवार की रात हादसे में चार लोगों की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर टायर जलाकर आगजनी शुरू कर दी। वे पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मुआवजा की मांग को लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने से पुलिस को रोक दिया।वरीय पदाधिकारी के नहीं पहुंचने से भी ग्रामीणों में खासा आक्रोश था। देर रात तक लोगों ने सड़क को जाम कर रखा था। इसके कारण वाहनों का आवागमन कई घंटे बंद रहा। मालूम हो कि जमुनीचक गांव को शौच मुक्त गांव की श्रेणी में रखा गया था। सरकारी फाइल में ऑडीएफ घोषित भी किया गया, लेकिन इसका फायदा ग्रामीणों को नहीं मिला।
गांव में पसरा मातमः हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया। वहीं, नानी और दो नातिन की मौत और महिला के जख्मी होने से घर में मातम पसर गया। सबनीमा गांव ससुराल से वह ज्योति बच्चियों के साथ अपने मायके आई थी। शौच करने के दौरान पड़ोसी खुशी कुमारी भी उसके साथ शामिल हो गई। हालांकि इस बात का किसी को भी भान नहीं था कि सड़क पर मौत उसका इंतजार कर रही है। काल बनकर सामने आई गाड़ी ने एक-एक कर चार लोगों की जिंदगी पलक झपकते निगल ली।टक्कर के बाद दूर जाकर गिरे पांचों घटनास्थल से कुछ कदम की दूरी पर गाड़ी का एक बोनट गिरा हुआ था। ग्रामीणों के मुताबिक थार गाड़ी से दुर्घटना घटी। टक्कर से बच्चियां और महिला काफी दूर तक उछल कर चली गई और फिर उनकी मौत हो गई। कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान घटना स्थल के समीप सड़क से ब्रेकर हटा दिया गया था। डायल 112 की हड़ताल के कारण बाढ़ थाने की पुलिस करीब एक घंटा विलंब से घटनास्थल पर पहुंची।
नानी के पास आई थीं दोनों बच्चियांमासूम काव्या कुमारी और सायरा कुमारी अपनी मां ज्योति के साथ जमुनीचक गांव में नानी सुधा देवी के – पास आई हुई थी। दोनों महिलाएं और तीन बच्चियों काफी देर तक जब घर नहीं पहुंची, तब लोगों ने उनकी तलाश शुरू की। पूछताछ के दौरान गांव के एक युवक ने दुर्घटना की खबर परिजनों को दी। मौके पर परिजन पहुंचे तो पाया कि एक बच्ची का शव सड़क पर जबकि उससे पांच कदम की दूरी पर दूसरी बच्ची पड़ी थी। महिला और तीन बच्चियों की लाशें सड़क पर चारों तरफ बिखरी थी। सड़क खून से लाल हो चुकी थी। इस खबर के फैलते ही गांव में अफरातफरी मच गयी।