
बहुचर्चित नीट यूजी-2024 पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड और तीन लाख रुपये के इनामी संजीव कुमार मुखिया को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने गुरुवार देर रात दानापुर के सगुना मोड़ इलाके में एक अपार्टमेंट से उसे गिरफ्तार किया. इओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान के मुताबिक, संजीव मुखिया की लोकेशन को गुप्त सूचना पर ट्रेस किया गया था. इसके बाद दानापुर थाने की मदद से इओयू की एसओजी टीम ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ और इओयू ने पूछताछ के बाद उसे सिविल. कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. सूत्रों के मुताबिक कोर्ट से इओयू ने संजीव की पांच दिनों की रिमांड मांगी थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया. गौरतलब है कि बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल में लगातार छापेमारी के बावजूद संजीव मुखिया 11 महीने से ज्यादा समय से फरार था. कुछ दिन पहले संजीव मुखिया पर तीन लाख और उसके भतीजे शुभम कुमार तथा साथी राजकिशोर शाह पर एक-एक लाख के इनाम की घोषणा हुई थी. छापेमारी में शामिल पुलिसकर्मियों को पुरस्कार देने की अनुशंसा की गयी है।
गौरतलब है कि संजीव मुखिया का बेटा डॉ शिव कुमार, जो पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुका है, पहले ही बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा और 2017 की नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले में जेल जा चुका है। मास्टरमाइंड संजीव मुखिया से कई घंटे तक इओयू और सीबीआइ ने पूछताछ की. पूछताछ में उसने कई आरोपियों के नाम बताये है. इस पूछताछ के बाद चार्जशीट में कुछ नये नाम जुड़ सकते हैं।
इओयू ने इनकी तलाश भी शुरू कर दी है. पूछताछ में उसने बताया है कि कोलकाता जाकर उसने रेकी की थी. उसका गिरोह यूपी, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्य में सक्रिय है. सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान कोलकाता में दस दिन तक रहा ओर पेपर के छपने से लेकर सेंटर तक पहुंचने तक की जानकारी जुटायी थी. नीट का पेपर भी उसके गिरोह ने हजारीबाग से लीक कराया था और रामकृष्णानगर में हल कराया गया था. संजीव ने अपने डाक्टर बेटा डॉ शिव के शामिल होने की बात भी स्वीकार की है. सूत्र बताते हैं कि नालंदा के नगरनौसा में शिक्षक भर्ती का प्रश्न-पत्र उसने बेटे के सामने ही खोलकर निकाला था. हजारीबाग के एक होटल में पेपर स्टाया गया था. पुलिस ने करीब 210 लोगों को हिरासत में लिया था।