
एक ऐतिहासिक चिकित्सा हस्तक्षेप में भगवान महावीर मणिपाल अस्पताल, रांची की कार्डियोलॉजी टीम ने 84 वर्षीय व्यवसायी (मूल रूप से केरल निवासी और वर्तमान में बोकारो में रह रहे), जो गंभीर सांस की तकलीफ और हार्ट फेल्योर की स्थिति में भर्ती हुए थे, पर जटिल ट्रिपल वेसल एंजियोप्लास्टी सफलतापूर्वक की। मरीज, जिनका पहले एंजियोप्लास्टी का इतिहास रहा है, को दिल का दौरा (हार्ट अटैक) और गंभीर सांस की तकलीफ के बाद बोकारो से एसीएलएस (एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस के जरिए रांची लाया गया। रात भर बोकारो में उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट, नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन (NIV), लेसिक्स इन्फ्यूजन और एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम का इलाज देकर स्थिर किया गया। सुबह होते ही उन्हें भगवान महावीर मणिपाल अस्पताल, रांची स्थानांतरित किया गया। डॉ. धनंजय कुमार, कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी, के नेतृत्व में टीम ने पहले 24–48 घंटे तक मरीज के हृदय विफलता (हार्ट फेल्योर) को नियंत्रित किया। एंजियोग्राफी में सामने आया कि मरीज को गंभीर ट्रिपल वेसल डिजीज है — एक धमनी पूरी तरह 100% ब्लॉक और दो अन्य धमनियां 95% ब्लॉक थीं, साथ ही उनमें लंबे हिस्से में रुकावट (लॉन्ग सेगमेंट डिजीज) थी। उम्र, नाजुक स्थिति और बहुत अधिक सर्जिकल जोखिम को देखते हुए, हृदय शल्यचिकित्सा टीम ने बाईपास सर्जरी को अस्वीकार कर दिया।
ऐसे गंभीर हालात में कार्डियोलॉजी टीम ने आधुनिक तकनीक अपनाते हुए तीनों धमनियों की जटिल एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया। इसमें सहायता ली गई इंपेला सीपी (Impella CP) डिवाइस की, जो एक उन्नत मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट सिस्टम है और कृत्रिम हृदय की तरह कार्य करता है। प्रक्रिया के दौरान मरीज को CTO (क्रॉनिक टोटल ऑक्लूज़न – धमनी का पूर्ण अवरोध), लेफ्ट मेन बाईफर्केशन एंजियोप्लास्टी स्टेंटिंग और लंबे हिस्से की राइट कोरोनरी आर्टरी (RCA) की एंजियोप्लास्टी की गई। इंपेला सीपी डिवाइस, जो हृदय की पंपिंग क्षमता को 3–3.5 लीटर प्रति मिनट तक सपोर्ट करता है, ने प्रक्रिया के दौरान निरंतर रक्त प्रवाह और स्थिरता सुनिश्चित की। यह डिवाइस मानक इंपेला (2–2.5 लीटर प्रति मिनट सपोर्ट) से अधिक उन्नत है, जिससे हाई-रिस्क एंजियोप्लास्टी और सुरक्षित और प्रभावी बनती है। डिवाइस को ऑपरेशन थिएटर में ही हटा दिया गया। मरीज को 8–10 दिन अस्पताल में निगरानी में रखा गया और उनकी रिकवरी संतोषजनक रही। उन्हें 21 अगस्त 2025 को छुट्टी दे दी गई।
सफल प्रक्रिया पर बोलते हुए, डॉ. धनंजय कुमार ने कहा: “84 वर्ष की उम्र, गंभीर हृदय विफलता और ट्रिपल वेसल डिजीज वाले इस मरीज के लिए बाईपास सर्जरी अत्यधिक जोखिमपूर्ण थी। पूरी प्रक्रिया लगभग 10 घंटे चली। इंपेला सीपी डिवाइस के उन्नत सपोर्ट से हमारी टीम ने तीनों ब्लॉक धमनियों की एंजियोप्लास्टी सफलतापूर्वक की। यह केस झारखंड में अत्याधुनिक कार्डियक हस्तक्षेप उपलब्ध कराने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे मरीजों को अब जटिल हृदय उपचार के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।” मरीज श्री पी.ए. सकरिया ने कहा: “मैं बोकारो से मणिपाल अस्पताल, रांची सीने में तेज दर्द के साथ आया था। यहां डॉ. धनंजय कुमार के नेतृत्व में मुझे जो देखभाल और उपचार मिला, वह मेरे लिए जीवनदायी साबित हुआ। डॉक्टरों, नर्सों और स्टाफ का सहयोग असाधारण था। मैं दिल से डॉ. कुमार और पूरी मणिपाल टीम का आभारी हूं जिन्होंने मुझे नई जिंदगी दी।” मरीज की बेटी सुश्री शैनी सकरिया ने कहा: “मेरे पिता को बहुत गंभीर स्थिति में सीने में दर्द के साथ रांची लाया गया। 84 वर्ष की उम्र में 9–10 घंटे लंबी ट्रिपल वेसल एंजियोप्लास्टी करना बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन डॉ. धनंजय कुमार ने इसे अद्भुत कौशल और देखभाल से पूरा किया। उनकी रिकवरी शानदार रही और नर्सिंग सपोर्ट व अस्पताल का संपूर्ण उपचार हमारी अपेक्षाओं से कहीं बेहतर था। हम डॉ. कुमार और पूरी मणिपाल टीम के प्रति गहराई से आभारी हैं।” यह पूर्वी भारत में उन विरल मामलों में से एक है जहाँ इतनी जटिल परिस्थिति में इंपेला सीपी-सपोर्टेड एंजियोप्लास्टी सफलतापूर्वक की गई। यह भगवान महावीर मणिपाल अस्पताल, रांची की क्लिनिकल विशेषज्ञता और अत्याधुनिक ढांचे को दर्शाता है। अस्पताल मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेस के तहत संपूर्ण हृदय देखभाल — डायग्नोस्टिक्स से लेकर उपचार और पोस्ट-ऑपरेटिव रिहैबिलिटेशन तक — उपलब्ध कराता है।