
छपरा जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर मंगलवार को निरीक्षण के दौरान सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कार्य) राकेश कुमार (55) की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इसके साथ ही रेलवे की व्यवस्था की कलई भी खुल गई। वह पूर्वी केबिन से पार्सल घर की ओर जाने के रास्ते में अधिकारी विश्रामालय के पास अचेत होकर गिरे तो उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए जंक्शन पर एक अदद व्हील चेयर या स्ट्रेचर तक नहीं मिला।
उनके साथ रहे अधिकारी उन्हें ठेले पर लादकर निकट के रेल अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सक नहीं थे। वहां मौजूद अन्य कर्मी उनको प्राथमिक चिकित्सा तक नहीं दे सके, इस भागदौड़ में काफी समय बीत गया। अंततः उन्हें वाहन से लगभग एक किमी दूर सदर अस्पताल ले जाया गया, वहां चिकित्सक ने उनकी नब्ज टटोली और मृत घोषित कर दिया।
राकेश नालंदा जिले के हिलसा शहरी क्षेत्र के नेमना टोला निवासी थे। वह वर्ष 2005 में रेलवे सेवा में शामिल हुए थे। 2022 में छपरा जंक्शन पर योगदान दिए थे। उनके निधन की खबर फैलते ही सदर अस्पताल में रेलकर्मियों की भीड़ लग गई। सदर अस्पताल पहुंची मृतक की पत्नी रंजना देवी, पुत्री पूजा कुमारी और पुत्र रजनीश कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके दूसरे पुत्र मनीष कुमार एमसीए की पढ़ाई करते हैं। शाम लगभग साढ़े छह बजे उनका पार्थिव शरीर पैतृक घर हिलसा ले जाया गया।