बिहार के 14 वर्षीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी को शुक्रवार को देश के सर्वोच्च बाल सम्मान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। इस कारण वैभव अपनी टीम के विजय हजारे ट्रॉफी मुकाबले में मणिपुर के खिलाफ नहीं खेल सके, लेकिन वजह बेहद खास थी- जीवन में एक बार मिलने वाला राष्ट्रीय सम्मान।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देश के 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को खेल, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान, सामाजिक सेवा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। इस वर्ष कुल 20 बाल प्रतिभाओं को यह सम्मान मिला, जिनमें वैभव सूर्यवंशी भी शामिल रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, “आज सम्मानित हर बच्चा देश के लिए प्रेरणा है। आप सभी की उपलब्धियां भारत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित करती हैं।” उन्होंने कहा कि सभी पुरस्कार विजेताओं का व्यक्तिगत उल्लेख समय की कमी के कारण संभव नहीं हो पाया, लेकिन हर बच्चे का योगदान समान रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने बच्चों की सफलता में माता-पिता और परिवार की भूमिका को भी सराहा।
राष्ट्रपति भवन में सम्मान पाने से ठीक पहले वैभव सूर्यवंशी ने भारतीय घरेलू क्रिकेट में इतिहास रच दिया था। 24 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने महज 84 गेंदों में 190 रन की विस्फोटक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 16 चौके और 15 छक्के निकले और स्ट्राइक रेट रहा 226.19।
इस पारी के साथ वैभव 14 साल और 272 दिन की उम्र में पुरुषों के लिस्ट-ए क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। उन्होंने सिर्फ 36 गेंदों में शतक पूरा किया, जो किसी भारतीय द्वारा बनाया गया तीसरा सबसे तेज़ लिस्ट-ए शतक है।
इतना ही नहीं, वैभव ने एबी डिविलियर्स का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। उन्होंने महज 59 गेंदों में 150 रन पूरे कर लिए, जबकि डिविलियर्स ने यह रिकॉर्ड 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 64 गेंदों में बनाया था।
