
गया शहर के बीचोंबीच रामपुर थाना क्षेत्र के मिर्जा गालिब कालेज के समीप एक निजी मकान में तीन वर्षों से काल सेंटर खोल साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने रविवार को राजफाश किया है। ये लोग पेनोल साल्यूशंस प्रा. लि. नाम की कंपनी की आड़ में काल सेंटर खोल लोगों को वित्तीय सेवा का झांसा देकर ठगी करते थे। कंपनी के दो सीईओ व महिला प्रबंधक समेत कुल 36 युवक-युवतियों को मिरफ्तार कर एसीजेएम पांच निशा कुमारी की कोर्ट में पेश किया गया है।
एसीजेएम रविवार को अवकाश के बावजूद आरोपितों की बड़ी संख्या देख कोर्ट आईं। इनके विरुद्ध एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो) में 37 शिकायतें दर्ज थीं। इसी के आधार पर पुलिस उनतक पहुंची। जिन 21 मोबाइल नंबरों से ठगी की शिकायत प्राप्त हुई थी, वे सभी नंबर काल सेंटर में संचालित मिले। वहां से 33-33 मोबाइल व सिम, तीन लैपटाप एवं अन्य कागजात जब्त किए गए। गिरफ्तार किए गए कंपनी के सीईओ इशांत कुमार, पिता हरिशंकर, तेलबिगहा, कोतवाली थाना, गया एवं मोहित कुमार, पिता अरुण कुमार, इमामबाड़ा, नवादा एवं प्रबंधक शिष्या वर्धन, पिता सुनील कुमार वर्मा, कोतवाली थाना, गया हैं। अन्य 15 नवतियां व 17 युवक गया के हैं।
एकमात्र युवती औरंगाबाद की है। साइबर डीएसपी साक्षी राय ने बताया कि सभी 37 शिकायतकर्ताओं से 80 हजार से तीन लाख रुपये तक की साइबर ठगी की गई है। ठगी की कुल रकम का पता किया जा रहा है। आशंका है कि इन लोगों ने गत तीन वर्षों में बड़ी रकम की ठगी की होगी। अधिकांश लोगों ने शिकायतें नहीं दर्ज कराई होंगी। साइबर डीएसपी के अनुसार काल सेंटर से पकड़े गए युवकों ने पूछताछ में बताया कि वे लोग ग्राहकों को काल करके वित्तीय सेवा का झांसा देते थे। जो इनकी बातों में आ जाते थे, उन्हें एक पेमेंट आइडी दिया जाता था, जिसके माध्यम से कंपनी के ऐप से स्वयं जुड़ने और अन्य लोगों को जोड़ने के लिए कहा जाता था। ये लोग एईपीएस (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम) के माध्यम से पैसे निकालने, लोन दिलाने व लोन इंश्योरेंस की सेवा प्रदान करने की बात कहते थे, परंतु लोगों को कोई सेवा नहीं देते थे। हर सेवा के लिए स्कैनर देकर ग्राहकों से सेवा शुल्क वसूलते थे।