
राजगीर के रत्नागिरि के घने जंगल में भटककर दिशाभ्रम के शिकार दो विदेशी पर्यटकों को पुलिस और बीएसएपी जवानों की संयुक्त टीम ने लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया। घटना रविवार रात की है, इस कारण पर्यटकों को जंगली जानवरों से खतरा भी था, ऐसे में पुलिस तत्परता नहीं बरतती तो अनहोनी घटित हो सकती ‘थी। बचाव दल ने टार्च की रोशनी में पर्यटकों की तलाश की और आधी रात में उन्हें सुरक्षित निकालकर थाने पहुंचे। उनकी पहचान आयरलैंड के जेम्स पिगाट और वेनेजुएला के राफेल रायोन के रूप में हुई। दोनों ने बताया कि भारत में हिंदी के कुछ शब्द सीखना उनके काम आ गया। हिंदी में उनकी पुकार रात के सन्नाटे में पहाड़ी पर तैनात सुरक्षाकर्मी तक पहुंच सकी।
राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि रत्नागिरि के शिखर पर अवस्थित विश्व शांति स्तूप की सुरक्षा में तैनात बिहार सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) के एक जवान ने रविवार की रात में नीचे जंगल से ‘मदद करो’ और ‘सुनिए’ की पुकार और सीटी की आवाज सुनी। उसने किसी के जंगल में फंसे होने की आशंका के चलते तत्काल इसकी सूचना राजगीर थाने को दी। आनन-फानन में क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से वाकिफ पुलिस व बीएसएपी जवानों का संयुक्त बचाव दल गठित कर बताए गए क्षेत्र में भेजा गया।
घने जंगल में लगभग दो घंटे की तलाश के दौरान फंसे हुए पर्यटकों को पुकार कर आश्वस्त किया जाता रहा, अंततः दो घंटे बाद बचाव दल पर्यटकों के पास पहुंचा। इसके बाद उन्हें राजगीर थाना लाया गया, जहां पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और तीर्थ स्थलों के भ्रमण के लिए भारत आए हुए हैं। इसी क्रम में वे राजगीर पहुंचे थे। रोपवे के माध्यम से विश्व शांति स्तूप तक गए थे। वहां से लौटते समय वे पैदल ही सम्राट अशोक मार्ग की ओर निकल गए, ताकि प्राचीन स्तूप का अवलोकन कर सकें, लेकिन रास्ता भटक गए और घने जंगल में फंस गए।