जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के दीक्षांंत समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सभी उपाधि धारकों को बधाई देते हुए कहा कि यह समारोह छात्राओं के संघर्ष, ज्ञान, प्रतिबद्धता व उत्तरदायित्व का प्रमाण है. साथ ही यह दीक्षांत समारोह इन छात्राओं के जीवन के महत्वपूर्ण यात्रा का प्रारंभ भी है. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की छात्राओं ने इंटरमीडिएट कॉलेज से विश्वविद्यालय बनने तक के सफर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी ने हजारों बेटियों के सपने को नई उड़ान दी है। आज महिलाएं देश व दुनिया मेंं आगे बढ़ कर अपने देश का नाम रोश कर रही है।
बुधवार को जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी का तीसरा दीक्षांत समारोह एक्सएलआरआई ऑडिटोरियम में किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, कुलपति प्रो. डा. अंजिला गुप्ता व कुलसचिव डा. सलोमी कुजूर ने दीप प्रज्ज्वतिल कर किया. कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रगान से की गई. इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने 25 छात्राओं को गोल्ड मेडल पहना कर उन्हें उपाधि प्रदान करे हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्रशासन, विज्ञान, कला, खेल सहित सभी क्षेत्रों में शिक्षा दे रहा है. छात्राओं को आत्मनिर्भर व सक्षम नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि चुनौतियां आएंगी, लेकिन धैर्य व साहस से वे अवसर में बदल जाएंगी। मेहनत और ईमानदारी का कोई विकल्प नहीं. उन्होंने झारखंड के उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता सुधार का संकल्प दोहराया।
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को नियमित परीक्षा और समय पर परिणाम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मंच संचालन हिन्दी विभागध्यक्ष डा. नूपुर अन्विता मिंज व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा. मनीषा टाइटस, आयशा व साई भारती ने किया. इस मौके पर इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. किश्वर आरा, कुलसचिव डा. सलोमी कुजूर , मानविकी संकायाध्यक्ष डा. सुधीर कुमार साहु, विज्ञान संकायाध्यक्ष डा. जावेद अहमद, परीक्षा नियंत्रक डा. रमा सुब्रह्मण्यम, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डा. दीपा शरण, सीवीसी डा. अन्नपूर्णा झा, डा. रिजवाना परवीन, डा. कामिनी कुमारी, डा. रत्ना मित्रा, डा. पुष्पा कुमारी, डा. ग्लोरिया पूर्ति, डा. रूपाली पात्रा, डा. अनामिका, रिंकू सेन, डा. माधुरी प्रियदर्शनी, डा. सोनाली सिंह समेत अन्य शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्राएं, उनके अभिभावक व शहरवासी मौजूद थे.
