Vटाटा स्टील की ओर से आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय ट्राइबल कॉन्क्लेव ‘संवाद’ का बुधवार की शाम समापन हुआ. पांचवें दिन गोपाल मैदान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों के सांस्कृतिक प्रदर्शन ने भारत की जनजातीय विरासत की जीवंतता का अनुभव कराया. वहीं मुंडा, कूकी, गारो व कंधा जनजातियों के प्रदर्शनों ने विविध कहानियों, लय व परंपराओं को जीवंत कर दिया. इसके बाद गरिमा एक्का व अर्जुन लकड़ा ने नागपुरी धुनें प्रस्तुत कर शहरवासियोंं को भी झूमने को मजबूत कर दिया।
पांच दिवसीय संवाद में देशभर के 26 राज्यों से आए करीब 2500 जनजातीय समुदाय ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति, क्षेत्रों के खानपान, दवा, सांस्कृतिक विरासत से शहरवासियों को अवगत कराया. गोपाल मैदान में दर्शक आतिथ्य, जो कि जनजातीय खाद्य पदार्थों का स्टॉल था, जो भीड़ लगाते रहे, जहां शहरवासियों ने अलग-अलग क्षेत्रों की घरेलू रसोइयों के तैयार किए गए आदिवासी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. गोपाल मैदान में कला, हस्तशिल्प, पारंपरिक उपचार के आउटलेट ने एक बार फिर अपनी प्रामाणिकता सांस्कृतिक गहराई के लिए प्रशंसा बटोरी। आयोजित ‘संवाद’ के अंतिम दिन अलग-अलग आदिवासी विचारों को एक मंच पर लाया गया, जिसने बातचीत, विचार-विमर्श और जश्न के साथ कार्यक्रम का शानदार समापन किया।
इस दौरान समुदायों ने ऐसी चर्चाएं की जिन्होंने आदिवासी जनजातियों की अटूट शक्ति और वर्तमान सामाजिक तथा पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. आदिवासी उपचार पद्धतियों पर आयोजित सत्र भोजन के औषधीय गुणों पर आधारित आदिवासी ज्ञान में गहराई से उतरा, इस बात पर ज़ोर दिया गया कि आप वही हैं जो आप खाते हैं और समुदाय के साथ सत्र ने उन विचारों का जश्न मनाया जो आने वाले कल की कहानियों को आगे बढ़ाती हैं।
