
पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है और ऐसे में ‘देश का नमक’ के नाम से प्रसिद्ध टाटा नमक, देश के हर कोने से जुड़ने के लिए अपने ऑडियो अभियान – ‘नमक हो टाटा का… टाटा नमक’ का विस्तार कर रहा है। टाटा नमक विशेष रूप से मानसिक विकास में आयोडीन की भूमिका पर संवाद को गांव-गांव तक पहुंचा कर अपनी प्रतिबद्धता को एक कदम आगे बढ़ा रहा है। देश का नमक अभियान डिजिटल और टेलीविज़न प्लेटफॉर्म पर पेश होने के बाद, अब प्रमुख परिवहन केंद्रों में ऑडियो एक्टिवेशन के ज़रिये ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। इस अभियान में टाटा नमक का जाना-पहचाना जिंगल है, जिसे चार फिल्मों के ज़रिये नए सिरे से पेश किया गया है। यह अभियान सही मात्रा में आयोडीन सेवन के महत्व को उजागर करता है, जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास और फिर, देश की दीर्घकालिक प्रगति प्रभावित हो सकती है।
आज भी देश में छोटे गांव और शहरों के लोग के लिए रेलवे एवं बस अड्डों का उपयोग आवागमन के लिए करते हैं। ऐसे में टाटा नमक का जिंगल आम लोगों तक पहुंचने के लिए मुज़फ्फरपुर, पटना जंक्शन, हाजीपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ चारबाग, इंदौर, भोपाल, इटारसी, कटनी, सतना, नासिक रोड, शोलापुर, खड़गपुर, संतरागाछी, मेचेदा सहित और भी प्रमुख स्टेशनों पर नियमित अंतराल में बजाया जा रहा है। इस तरह ब्रांड का संदेश रोज़ आने-जाने वाले उन यात्रियों तक पहुंचता है, जो पारंपरिक मीडिया से नहीं जुड़ पाते हैं। इसके अलावा टाटा नमक महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों में बड़े शहरों की यात्रा करने वाले ग्रामीण लोगों तक आयोडीन जागरूकता पहुंचाने के लिए, बड़े बस अड्डों पर यही जिंगल बजा रहा है।
ग्रामीण इलाकों से जुड़ने की रणनीति को और दृढ़ करते हुए, इस अभियान के तहत आयोडीन एक्सप्रेस नामक वैन एक्टिवेशन भी शुरू किया है, जो बिहार के 28 शहरों में फैला है। यह एक्टिवेशन स्कूली छात्रों के साथ-साथ बाज़ारों, मोहल्लों और हाट में व्यापक तौर पर लोगों से जुड़ता है। इस पहल का उद्देश्य है, आयोडीन के फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, और ज़मीनी स्तर पर ब्रांड के प्रति प्रेम बढ़ाना। ‘देश का नमक’ अपने संदेश को बड़े-बड़े स्क्रीन के साथ, चहल-पहल भरे माहौल में लाकर, भारत के हर कोने से एक महत्वपूर्ण संदेश के ज़रिये स्थायी रूप से जुड़ता है।