
वाराणसी से राजगीर आ रहा बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस सोमवार की सुबह बिहारशरीफ के होम सिग्नल पतुआना गांव के पास अचानक रूक गई। बिहारशरीफ स्टेशन पर उतरने की तैयारी कर रहे यात्री हैरान रह गये। कुछ यात्रियों ने नीचे उतरकर देखा तो सिग्नल रेड हो गया था। करीब 20 मिनट तक ट्रेन यहां रुकी रही।
ट्रेन पर सवार एक रेलवे कर्मी नीचे उतरकर पटरियों के पास पहुंचे तो ट्रैक पर उन्हें एक रुपये का सिक्का मिला। सिक्का हटाते ही सिग्नल ग्रीन हो गया। दरअसल, किसी ने जानबूझकर ट्रैक सर्किट के क्रॉसिंग प्वायंट पर सिक्का रखकर सिग्नल रेड किया था। चर्चा है कि शराब के धंधेबाजों ने ट्रेन से शराब उतारने के लिए ऐसा किया था।
सर्किट से ऑपरेट होता है सिग्नल : हर स्टेशन से पहले ट्रैक पर एक सर्किट होता है। इसे ट्रैक सर्किट कहते हैं। जब ट्रेन पटरी से गुजरती है तो अपने-आप स्टेशन पर लगा सिग्नल ग्रीन हो जाता है। सर्किट में फॉल्ट होते ही सिग्नल रेड हो जाता है। दो पटरियों को जोड़ने वाले प्वायंट पर खाली स्थान होता है। सिक्का रखने से यह खाली स्थान भर जाता है। दोनों का एक दूसरे से संपर्क होते ही सिग्नल रेड हो जाता है।