
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र का पालन कर रही है। वे नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण में उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सम्मेलन में अगले तीन दिनों तक कई सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनमें अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि ये चर्चा भारत के विकास को गति देने में सहायक सिद्ध होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र का पालन कर रही है और देश को आगे बढ़ाने के लिए लगातार फैसले ले रही है।” उन्होंने 60 साल बाद लगातार तीसरी बार किसी सरकार के दोबारा चुने जाने का श्रेय इसके प्रभाव को दिया। उन्होंने कहा कि जब लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं तो उन्हें देश के सही रास्ते पर आगे बढ़ने का भरोसा मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भावना भारत के लोगों के जनादेश में दिखाई देती है और 140 करोड़ देशवासियों का विश्वास इस सरकार की बहुत बड़ी संपत्ति है। प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित बनाने के लिए संरचनात्मक सुधार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीनों में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साहसिक नीतिगत बदलावों, नौकरियों और कौशल के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता, सतत विकास और नवाचार पर ध्यान, आधुनिक बुनियादी ढांचे, जीवन की गुणवत्ता और तेज विकास की निरंतरता के उदाहरण दिए। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह हमारे पहले तीन महीनों की नीतियों का प्रतिबिंब है”, उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान 15 ट्रिलियन रुपये या 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के फैसले लिए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के दुनिया में किफायती बौद्धिक शक्ति के सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभरने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में भारत में 1,700 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र संचालित हैं और 2 मिलियन से अधिक उच्च कुशल भारतीय पेशेवरों को रोजगार दे रहे हैं। मोदी ने शिक्षा, नवाचार, कौशल और अनुसंधान पर मजबूत ध्यान केंद्रित करके भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा लाए गए प्रमुख सुधारों पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले एक दशक में हर हफ्ते एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है और हर दिन दो नए कॉलेज खोले गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारे देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है।