खेल लंबे समय से सामाजिक गतिशीलता का साधन रहा है, लेकिन कोचिंग, सुविधाओं और एक्सपोजर तक एकजैसी पहुंच ना होना अक्सर प्रतिभा को भौगोलिक सीमाओं तक सीमित कर देती है। सैमसंग के प्रमुख शिक्षा कार्यक्रम, सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो (एसएफटी) 2025 में आईआईटी दिल्ली के साथ साझेदारी में, युवा इनोवेटर्स ने टेक्नोलॉजी की मदद से खेल को अवसरों का मार्ग बनाने की कल्पना की ताकि पहुंच और लोगों की भागीदारी को बढ़ाया जा सके।
पूरे देश भर में हजारों छात्रों ने “स्पोर्ट एंड टेक्नोलॉजी के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन” थीम के तहत इसका जवाब दिया। यहां जानिए वे भारतीय खेलों तक कैसे पहुंच को आसान बना रहे हैं:
1. उद्देश्यपूर्ण थीम
यह श्रेणी प्रशिक्षण, वर्चुअल कोचिंग, ई-स्पोर्ट्स और कौशल विकास तक पहुंच विस्तार करने वाले नवाचारों को आमंत्रित करती है – भारत भर के युवाओं के लिए बेहतरीन, आकांक्षी भविष्य बनाने का लक्ष्य।
2. नेक्स्टप्लेएआई: प्रतिभा खोज को लोकतांत्रिक बनाना
टेनिस खिलाड़ी और आईआईआईटी पुणे के कंप्यूटर साइंस छात्र आदीश शेलके और भाग्यश्री मीणा ने नेक्स्टप्लेएआई बनाया। यह एक एआई-संचालित प्लेटफॉर्म है जो वीडियो एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग का उपयोग करके व्यक्तिगत फीडबैक और प्रदर्शन तुलना के माध्यम से खेल क्षमता को सामने लाता है। उनका लक्ष्य है- कहीं भी एलीट मार्गदर्शन को सुलभ और किफायती बनाना।
3. समावेशन को बढ़ावा देने वाले अनेक इनोवेशन
अन्य फाइनलिस्ट और विजेता सभी के लिए खेल को सुलभ बनाने वाली तकनीक विकसित कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- शतरंज स्वयं क्रू (असम): दृष्टिबाधित लोगों को स्वतंत्र रूप से शतरंज खेलने में सक्षम बनाने के लिए एआई-संचालित समाधान, जो FIDE कॉम्प्लाएंट है
- स्पोर्ट्स4ऑटिज्म (तमिलनाडु): ऑटिस्टिक बच्चों के लिए थेरेपी को खेलों के माध्यम से गेमिफाई करने वाला हाइब्रिड ऐप जो प्रगति को ट्रैक करता है और जुड़ाव को बेहतर बनाता है
- स्टेटसकोड200 (उत्तर प्रदेश): छात्र एथलीटों को व्यक्तिगत कोचिंग के लिए उनका कौशल (पोश्चर डिटेक्शन, कौशल स्तर) सुधारने में मदद करने वाला एआई-पावर्ड ऐप
- यूनिटी (तमिलनाडु): ऑटिस्टिक बच्चों के लिए संज्ञानात्मक विकास के लिए गेमिफाइड दृष्टिकोण रखने वाली एक पेटेंटेड डिवाइस।
4. प्रोटोटाइप से प्रोडक्ट तक नवाचार का समर्थन
विजेताओं को आईआईटी दिल्ली में 1 करोड़ रुपये तक का इनक्यूबेशन सपोर्ट मिला, साथ ही शीर्ष टीमों के लिए अतिरिक्त पुरस्कार भी थे, जिसमें 1 लाख रुपये का ग्रांट(अनुदान), गुडविल अवॉर्ड्स और यंग इनोवेटर अवॉर्ड्स शामिल हैं, और शीर्ष 20 टीमों के लिए सैमसंग गैलेक्सी Z फ्लिप स्मार्टफोन का भी इंतजाम किया गया।
5. विकेंद्रीकृत खेल तंत्र का विकास
2025 कोहोर्ट में टियर-II और टियर-III शहरों से मजबूत भागीदारी देखी गई, पूर्व छात्रों ने नए छात्रों की मेंटरिंग की और प्रोटोटाइपिंग के लिए आईआईटी दिल्ली के FITT लैब्स तक पहुंच प्रदान की गई – मेट्रो शहरों से परे खेल तकनीक नवाचार के प्रसार को बढ़ावा मिला।
6. सहानुभूति और जिम्मेदारी प्रमुख
प्रतिभागियों ने सहानुभूति को प्राथमिकता देने वाले इनोवेशन पर केंद्रित डिजाइन-थिंकिंग वर्कशॉप्स में भाग लिया, जिम्मेदार एआई सिद्धांतों के अनुरूप टेक्नोलॉजी के लिए टेक्नोलॉजी के बजाय वास्तविक सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने पर जोर।
7. चेंजमेकर्स को सशक्त बनाने की विरासत
2010 से, सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो ने 68 देशों में 29 लाख युवा इनोवेटर्स को प्रेरित किया है, बदलाव लाने के लिए एसटीईएम समाधान विकसित करने के लिए छात्रों को मेंटरशिप और उपकरण प्रदान किये गये। भारत के विविध योगदानों में हर गुजरते साल के साथ बढ़ोतरी हो रही है।
