
राज्य की सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने शुक्रवार को न्याय मार्च निकाला। छात्र पटना कॉलेज से गांधी चौक, मुसल्लहपुर, भिखना पहाड़ी, नयाटोला, मछुआटोली, बाकरगंज होते जेपी गोलंबर गांधी मैदान पहुंचे, जहां पहले से ही प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर रखी थी।
अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों को रखना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी से मिलवाने की बात कही। इसके लिए छात्र तैयार नहीं हुए। पुलिस ने छात्र नेता दिलीप कुमार को हिरासत में लेकर छात्रों को बलपूर्वक सड़क से हटा दिया। इस दौरान हल्की झड़प भी हुई। दो घंटे बाद दिलीप कुमार को छोड़ दिया गया। दिलीप ने कहा-बिहार की सरकारी नौकरियों पर पहला हक बिहारी युवकों का है।
उन्होंने कहा कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती में 100 प्रतिशत डोमिसाइल लागू हो। साथ ही बीपीएससी सिविल सेवा, दारोगा, सिपाही, बीएसएससी सहित बिहार की अन्य सभी सरकारी नौकरियों में 90 प्रतिशत डोमिसाइल प्रत्यक्ष रूप से लागू हो। 10 प्रतिशत सीटें खुली रखी जाएं। यहां फैक्ट्रियां नहीं हैं। रोजगार का एकमात्र सबसे बड़ा साधन सरकारी नौकरी ही है। प्रदर्शन में दीपक पांडेय, प्रियंका पटेल, नीतू, शिवानी, प्रीति, रिचा, गुड़िया, विरेश, राजेश, मनिष, प्रकाश, रविशंकर, संतोष, राकेश, संजीव सहित हजारों छात्र शामिल थे।