July 1, 2025
NALANDA

 पटना इंटरनेट मीडिया पर निजी फाइनांस कंपनी से लोन देने का फर्जी विज्ञापन देने के साथ मोवाइल नंबर और लिंक शेयर कर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के छह ठगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी तेलंगाना के आदिलाबाद और पेदापेल्ली जिले के रहने वाले हैं, जिन्हें रामकृष्णा नगर के पूर्वी लक्ष्मीनगर स्थित एक फ्लैट से दबोचा गया है। गिरोह ने फ्लैट में ही काल सेंटर बना रखा था। इनकी पहचान अभिलाष मनिकटा, दुर्गम बैंकटेस, मानूमल्ला सातित्क, पिट्टा यशवंत, दुर्गम रजनीकांत, सुनराकर श्रीकांथ के रूप में हुई है। नालंदा के दीपनगर निवासी प्रदीप कुमार उर्फ सूरज और शंभू ने इनको कुछ माह पूर्व नौकरी के नाम पर पटना बुलाया था। दोनों गिरोह के पास से 32 मोबाइल, डायरी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। साइबर थाने के डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि गिरोह के सरगना सहित चार अन्य लोगों के नाम उजागर हुए हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है।

आरोपितों के पास से बरामद सभी मोबाइल की जांच की जा रही है। एक ही मोबाइल नंबर से कई लोगों से हुई थी ठगी साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही थी कि पीड़ित को लोन दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी की जा रही है। इसमें जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से कई बंद थे। इसके बाद भी उन सभी नंबरों पर नजर रखी जा रही थी। दो दिन पूर्व दर्ज शिकायतों में दो मोबाइल नंबर का लोकेशन रामकृष्णा नगर में मिला। साइबर थाने की पुलिस की टीम चार मंजिले मकान की चौथी मंजिल पर फ्लैट में पहुंची। वहां छह युवक मिले, जो पास में कई मोबाइल रखे थे। सभी अलग-अलग लोगों से बात कर रहे थे। पुलिस को देखते ही मोबाइल और अन्य सामान समेटकर भागने लगे। पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। गिरोह बाद में इन सदस्यों को दूसरे ठिकाने पर भेजने की बात कही थी। विज्ञापन के साथ देते थे नंबर, काल रिसीव करते थे सभी पूछताछ में सभी ने बताया कि नालंदा के दीपनगर निवासी प्रदीप कुमार उर्फ सूरज और शंभू ने 15 से 20 हजार रुपये महीने वेतन पर नौकरी देने के नाम पर तीन माह पूर्व तेलंगाना से पटना बुलाया था। पटना पहुंचने के बाद उन्हें कमरा दिया गया और वहां दोनों ने उन्हें बजाज फाइनेंस सर्विस के नाम पर लोगों से ठगी करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया। सूरज और शंभू ही इंटरनेट मीडिया पर निजी फाइनांस कंपनी से लोन देने का विज्ञापन देते थे और साथ में मोबाइल नंबर लिखा होता था। इस नंबर पर आम लोगों के द्वारा फोन किया जाता है तो छह युवक उसे रिसीव करते थे। फिर उन्हें निजी फाइनांस कंपनी से संबंधित लोन का फर्जी दस्तावेज भेजेकर उनसे फीस के तौर पर राशि सुरज और शंभू द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में ली जाती थी।

छह आरोपितों के पास से बरामद मोबाइल को देख पुलिस अंदाजा लगा रही है कि पांच सी से अधिक लोगों से ठगी कर चुके हैं। एक मोबाइल में जो खाता नंबर मिला, उससे दस से 15 अलग- अलग खातों से पैसे भेजे गए थे। एक-एक खाते पर दस से 12 केस हैं और उन्हें फ्रीज भी किया गया है। पुलिस की मानें तो फरार दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी और खातों की जांच से स्पष्ट होगा कि अब तक यह गिरोह कहां-कहां के लोगों से कितने की ठगी कर चुका है।

एप डाउन‌लोड कराकर हैक करते थे मोबाइल बहादुरपुर हाउसिंग कालोनी से गिरफ्तार विनायक और कुणाल ने पुलिस को बताया कि वह मोबाइल नंबर और इंटरनेट मीडिया पर लिक और एपीके फाइल भेजकर अलग-अलग तरीके का प्रलोभन देकर ठगी करते थे। इस दौरान वह कुरियर सर्विसेज के नाम पर भी ठगी कर रहे थे। इस काम में शेखपुरा निवासी रविरंजन और नवादा निवासी शिवम साथ देता था। जो इन्हें मोबाइल, सिमकार्ड, खाता नबर के साथ ही अन्य जरूरत के सामान उपलब्ध कराते थे। पीड़ित कुरियर का सामान ट्रैक चेक करने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे थे। गिरोह इन्हें वहीं से ट्रैक करता था। फिर पीड़ित के नंबर पर फोन कर कुरियर किसी कारण होल्ड होने की बात बोलता था। पीड़ित को एपीके फाइल भेजा जाता था, जिसे इंस्टाल कराने के बाद ठग उनका मोबाइल हैक कर लेते थे। फिर पांच या दस रुपये पेमेंट करने के लिए एक वेबसाइट पर ले जाते थे। चूंकि इस बीच पीड़ित का मोबाइल हैक हो चुका होता था। ऐसे में पीड़ित जब उनके कहे हुए वेबसाइट पर जाकर पैसे भेजने के लिए। हैकर कोड डालता था तो वह के पता कर लेते थे। फिर उनके खाते से निकासी होती रहती थी और ओटीपी भी हैकर में पास जाता था।

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