वैज्ञानिकों ने स्तन कैंसर के सबसे घातक और आक्रामक रूप, ‘ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर’ (टीएनबीसी) के उपचार में एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। यह विशेष प्रकार का कैंसर मौजूदा हार्मोनल थेरेपी दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करता है, जिससे इसका इलाज करना बेहद मुश्किल हो जाता है और इसके दोबारा होने की संभावना भी अधिक होती है। क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक नए प्रायोगिक टीके ने पहले चरण के परीक्षण में बहुत ही आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। यह टीका शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ‘अल्फा-लैक्टलबुमिन’ नामक प्रोटीन पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित करता है, जो स्वस्थ अवस्था में केवल स्तनपान के दौरान बनता है, लेकिन यह टीएनबीसी कैंसर कोशिकाओं पर भी भारी मात्रा में मौजूद होता है।
इस अभूतपूर्व परीक्षण के नतीजे बताते हैं कि जिन रोगियों को यह टीका लगाया गया, उनमें से लगभग ७५% (पचहत्तर प्रतिशत) ने एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की। इसका सीधा अर्थ है कि टीके ने उनके शरीर को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने के लिए सफलतापूर्वक सक्रिय किया। यह शोध मुख्य रूप से उन महिलाओं में कैंसर को दोबारा लौटने से रोकने पर केंद्रित है जो पहले ही इस बीमारी का इलाज करा चुकी हैं। हालांकि यह अभी शुरुआती चरण का परीक्षण था और इसकी पूर्ण सुरक्षा और प्रभावशीलता साबित करने के लिए आगे और शोध की आवश्यकता है, लेकिन ये परिणाम इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ भविष्य के टीकों के लिए एक महत्वपूर्ण नई उम्मीद जगाते हैं।
