भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को छोटी राशि के कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को अपने ऋण बही-खाते में बढ़ते दबाव पर नजर रखने को कहा है। वित्त वर्ष २०२४-२५ की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में दक्षिणी राज्यों में ऋण वितरण कम रहा है। आरबीआई ने आगाह किया है कि सूक्ष्म वित्त खंड में बढ़ते दबाव को देखते हुए भविष्य में कड़ी निगरानी की आवश्यकता है ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
पिछले कुछ समय से उधारकर्ताओं पर बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण इस क्षेत्र को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए उद्योग ने सुरक्षा उपाय अपनाए हैं, जिनमें एक ही व्यक्ति को दिए जाने वाले ऋणों की संख्या सीमित करना शामिल है। आरबीआई के अनुसार, २०२२ में किए गए नियामक संशोधनों ने इस क्षेत्र में टिकाऊ विकास की नींव रखी है, जिससे भविष्य में संतुलित और व्यवस्थित प्रगति की उम्मीद है।
