
सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत मंजोष गांव में तालाब की खुदाई के दौरान आठवीं शताब्दी की दुर्लभ उमा-महेश्वर प्रतिमा मिली. पुरातत्वविदों के अनुसार यह प्रतिमा प्रारंभिक पाल काल की है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती को चतुर्भुज स्वरूप में एक साथ दर्शाया गया है। बिहार संग्रहालय, पटना के संग्रहाध्यक्ष डॉ रविशंकर गुप्ता ने इसे राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए वैज्ञानिक संरक्षण की आवश्यकता जतायी। ग्रामीणों ने प्रतिमा को गांव के मंदिर के समीप स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी और इसे प्रशासन को सौंपने से मना कर दिया। ग्रामीणों ने आस्था का विषय बताते हुए मूर्ति देने से इनकार कर दिया।