
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। अधिकारियों ने बताया कि कर्तव्य भवन-3, 10 नए बनने वाले कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट भवनों में से पहला है और सेंट्रल विस्टा के व्यापक परिवर्तन का एक हिस्सा है।
इस परियोजना का उद्देश्य मंत्रालयों और सरकारी विभागों को दक्षता के लिए एक ही छत के नीचे लाना है।
अधिकारियों ने बताया कि कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय होगा।
कुछ प्रमुख मंत्रालय वर्तमान में शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं, जिनका निर्माण 1950 और 1970 के दशक के बीच हुआ था। सरकार ने कहा कि ये अब “संरचनात्मक रूप से पुराने और अक्षम” हो गए हैं।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने केंद्र की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत 10 इमारतों के निर्माण की योजना बनाई है।
निर्माणाधीन दो इमारतें, भवन 2 और 3, अगले महीने तक पूरी होने की उम्मीद है। सीसीएस 10 का निर्माण अगले साल अप्रैल तक पूरा हो जाएगा, जबकि सीसीएस 6 और 7 की इमारतें अक्टूबर 2026 तक बनकर तैयार हो जाएँगी।
मंगलवार को, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि चारों भवनों से चलने वाले कार्यालय निर्माण कार्य चलने तक, दो साल के लिए अस्थायी रूप से कस्तूरबा गांधी मार्ग, मिंटो रोड और नेताजी पैलेस स्थित चार नए स्थानों पर स्थानांतरित हो जाएँगे।
कुछ इमारतों को यथावत रखने का प्रस्ताव है। इनमें राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू भवन (विदेश मंत्रालय) और डॉ. अंबेडकर सभागार जैसी नई इमारतें शामिल हैं। वाणिज्य भवन को भी योजना के हिस्से के रूप में रखा जाएगा।