दिल्ली में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बना बिहार मंडप (पवेलियन) बिहार की सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक प्रगति का जीवंत प्रदर्शन कर रहा है। यहां के स्टॉल देखकर लग रहा है मानो पूरा बिहार प्रगति मैदान में उत्तर आया हो। मंडप में राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक प्रगति के रूप में विकसित बिहार 2047 का रोडमैप सजा है। पवेलियन में आने वाले दर्शकों को बिहारी की संस्कृति, कलाकृति से लेकर ऐतिहासिक विरासतों की झलक मिल रही है। रविवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने पवेलियन का उद्घाटन किया। पवेलियन के प्रवेश द्वार पर सभ्यता पवेलियन को बिहार की विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के थीम के इर्द-गिर्द तैयार किया गया
द्वार और बिहार म्यूजियम हर किसी को आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर उगते सूरज की अवधारणा से प्रेरित, विकसित बिहार 2047, का लोगो लगा है। यह कला-संस्कृति, उद्योग, पर्यटन, महिला सशक्तीकरण और सामाजिक विकास जैसे पांच प्रमुख क्षेत्रों में विहार के विकास को दर्शा रहा है। उद्घाटन के मौके पर उद्योग निर्देशक आलोक रंजन घोष, बिहार हैंडलूम और रेशम उद्योग निदेशक निखिल धनराज निप्पणीकर, बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक सिन्हा और बिहार सूचना केन्द्र नई दिलनी के उप निदेशक दिनेश कुमार मौजूद रहे।