August 26, 2025
Partha-SC

पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को करीब ढाई साल हिरासत में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। चटर्जी को 23 जुलाई, 2022 को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। चटर्जी पर रिश्वत के बदले अवैध नियुक्तियों को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करने का आरोप था, जिसके कारण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ खास शर्तों के साथ जमानत दी है। चटर्जी को रिहा तो किया गया है, लेकिन अदालत ने मुकदमे के पूरा होने और अंतिम फैसले तक उन्हें कोई भी मंत्री पद संभालने से रोक दिया है। अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि चटर्जी विधानसभा सदस्य (एमएलए) के रूप में अपना पद बरकरार रख सकते हैं, लेकिन मंत्री के रूप में अपनी भूमिका फिर से शुरू नहीं कर सकते। उनकी रिहाई ने महत्वपूर्ण कानूनी और राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है, लेकिन अदालत के फैसले से चल रही जांच और कानूनी कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ता है। भर्ती घोटाले के सिलसिले में चटर्जी पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई आरोप हैं। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) और अन्य सरकारी विभागों के लिए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती समेत अवैध नियुक्तियों को सुविधाजनक बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाई। एजेंसियों ने उन पर उम्मीदवारों के चयन को सुनिश्चित करने के बदले में रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। मामले से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें डब्ल्यूबीएसएससी के प्रमुख लोग भी शामिल हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित रिश्वतखोरी और फर्जी नियुक्तियों के कई मामले शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर चटर्जी और अन्य अधिकारियों ने अंजाम दिया था। सीबीआई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अवैध भर्ती प्रक्रिया की जांच कर रही है, जहां स्थापित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करके हजारों नियुक्तियां की गईं। भर्ती घोटाले के अलावा, चटर्जी का नाम भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी सामने आया है। वह पूर्व मंत्री परेश अधिकारी की बेटी को सरकारी नौकरी में भर्ती करने से जुड़ी कथित अनियमितता में भी शामिल हैं। चटर्जी की कानूनी परेशानियाँ अभी खत्म नहीं हुई हैं, क्योंकि उन पर अभी भी भ्रष्टाचार और भर्ती में अनियमितताओं से जुड़े कई मामलों में आरोप हैं। ईडी ने चटर्जी की अवैध गतिविधियों से कथित तौर पर जुड़ी संपत्ति भी जब्त कर ली है। चल रही जांच जारी रहने की संभावना है, और जमानत पर उनकी रिहाई कानूनी कार्यवाही के अंत का संकेत नहीं है। चटर्जी का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित बना हुआ है, क्योंकि जांच और मुकदमों के नतीजे अंततः यह निर्धारित करेंगे कि वह राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक भूमिका में वापस आ सकते हैं या नहीं।

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