December 29, 2025
IMG_0949

डैनिश दवा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने भारत में टाइप दो (T2DM) डायबिटीज़ के प्रबंधन के लिए अपनी लोकप्रिय दवा ‘ओज़ेम्पिक’ (इंजेक्टेबल सेमाग्लूटाइड) लॉन्च करने की घोषणा की है। यह दवा उन वयस्कों के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में इंगित की गई है जो अनियंत्रित टाइप दो डायबिटीज़ के साथ जी रहे हैं। ‘ओज़ेम्पिक’ एक बार साप्ताहिक रूप से दिया जाने वाला इंजेक्शन है, जो रक्त शर्करा का स्तर अधिक होने पर अग्न्याशय को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है, साथ ही यह यकृत को रक्तप्रवाह में अत्यधिक शर्करा बनाने और जारी करने से भी रोकता है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि यह वज़न घटाने में सहायता करता है और डायबिटीज़ से जुड़ी हृदय तथा किडनी से संबंधित जटिलताओं के जोखिम को भी कम करता है। इसे ‘जीएलपी-एक आरए’ नामक श्रेणी की सबसे अधिक निर्धारित दवा बताया गया है, जो मधुमेह प्रबंधन में नया विकल्प लेकर आई है।

इस दवा की शुरुआती खुराक शून्य दशमलव दो पाँच (०.२५ मिलीग्राम) है, जिसका मूल्य प्रति सप्ताह दो हज़ार दो सौ (₹२,२००) रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं, शून्य दशमलव पाँच (०.५) मिलीग्राम की खुराक मासिक रूप से दस हज़ार एक सौ सत्तर (₹१०,१७०) रुपये और एक (१) मिलीग्राम की सबसे अधिक खुराक ग्यारह हज़ार एक सौ पचहत्तर (₹११,१७५) रुपये प्रति माह में उपलब्ध होगी। विशेषज्ञों ने कड़ी चेतावनी दी है कि यह अत्यंत आवश्यक है कि ‘ओज़ेम्पिक’ केवल चिकित्सा पर्यवेक्षण (मेडिकल सुपरविज़न) के तहत और निर्धारित खुराक के अनुसार ही ली जाए, क्योंकि अनधिकृत या कम खुराक (माइक्रोडोजिंग) लेने की अनुशंसा नहीं की जाती है। उनका कहना है कि यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि दवा सही मरीज़ को सही तरीके से दी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *