सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उत्कृष्ट उपचार मिले, सरकार इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। वहीं, डॉक्टर व चिकित्साकर्मियों की लापरवाही व ड्यूटी से गायब रहने की प्रवृत्ति इसमें सेंधमारी कर रही है।सोमवार को डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के निर्देश पर जिला से लेकर सभी 23 प्रखंडों के 31 अस्पतालों के औचक निरीक्षण में इसकी पोल खुली। बाढ़ में सात, दुल्हिनबाजार में डाक्टर समेत दो, घोसवारी सीएचसी में चार, पंडारक में फार्मासिस्ट व चार अन्य, समेत कई डाक्टर, चिकित्साकर्मी व लिपिक गायब थे।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि औचक निरीक्षण में रोस्टर के अनुसार अनुपस्थित मिले सभी डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन अगले आदेश तक रोकते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। आमजन को स्वास्थ्य सुविधा देना सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे सख्त सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने दो दिन पूर्व स्वास्थ्य समेत सभी योजनाओं व लोकहित के कार्यक्रमों की जिलास्तरीय टीम से औचक निरीक्षण कराने की बात कही थी।
सोमवार को पहले आंगनबाड़ी से टेकहोम राशन वितरण का निरीक्षण कराया गया तो दूसरी ओर देरशाम तक 23 प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चार अनुमंडल अस्पताल, तीन रेफरल अस्पताल और एक सदर अस्पताल सहित कुल 31 अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी।कई स्वाथ्य प्रबंधक व अकाउंटेंट तो निरीक्षण के वक्त मुख्यालय तक से बाहर मिले। बाढ़ अनुमंडल में सात डाक्टर व कर्मी अनुपस्थित मिले। निरीक्षण टीम ने अस्पतालों में मौजूद मरीजों और उनके स्वजन से बात कर उनकी शिकायतें भी जानीं।
