
मुंबई की एक अदालत ने चेक बाउंस मामले में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को तीन महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) वाई पी पुजारी की अध्यक्षता वाली अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत ने वर्मा को निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी ठहराया। यह धारा अपर्याप्त धन या अन्य कारणों से चेक के अनादर से संबंधित है।
यह मामला 2018 में श्री नामक एक कंपनी द्वारा दायर किया गया था, जिसका प्रतिनिधित्व महेशचंद्र मिश्रा करते हैं, जिसने वर्मा की फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि वर्मा ने 2.38 लाख रुपये का चेक जारी किया था, जो अपर्याप्त धन के कारण बाउंस हो गया। अदालत ने वर्मा को तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। मुआवजा न देने पर उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त कैद होगी।
सुनवाई के दौरान वर्मा अदालत में मौजूद नहीं थे, जिसके कारण उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। फैसले के जवाब में वर्मा ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि यह मामला उनके पूर्व कर्मचारी के साथ सात साल पुराने विवाद से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उनके वकील मामले को देख रहे हैं और चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए वे इस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
न्यायालय का यह फैसला वर्मा के चल रहे वित्तीय संघर्ष में नवीनतम घटनाक्रम है। उन्हें जून 2022 में व्यक्तिगत पहचान बांड निष्पादित करने और 5,000 रुपये की नकद सुरक्षा का भुगतान करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था। न्यायालय का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है।