भारतीय शेयर बाजार में सोमवार, ८ दिसंबर, २०२५ को तेज गिरावट देखी गई। प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी, अपनी हालिया दो दिवसीय बढ़त को खोते हुए, भारी नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। दिन के कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स ८०० से अधिक अंकों की गिरावट के साथ ८४,९०९ के निचले स्तर पर पहुँच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी ५०भी महत्वपूर्ण २६,००० के स्तर से नीचे फिसल गया और २५,९०२.९५ का निचला स्तर छुआ। यह व्यापक बिकवाली का दबाव पूरे बाजार में साफ दिखा, जहाँ लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जिसमें रियल्टी, पीएसयू बैंक, मीडिया, मेटल और ऑटो सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित रहे।
बाजार में इस सतर्कता और तेज गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के फैसले को लेकर बनी अनिश्चितता है, जो बुधवार, १० दिसंबर को आने वाला है। इस प्रमुख वैश्विक आर्थिक घटना से पहले निवेशकों ने जोखिम लेने से परहेज किया और बिकवाली हावी रही। यह गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में की गई २५ आधार अंकों की रेपो दर कटौती से उत्पन्न हुए आशावाद के बावजूद आई है। व्यापक बाजारों पर भी इसका भारी असर पड़ा, जहाँ निफ्टी मिडकैप १०० और स्मॉलकैप १०० सूचकांकों में भी क्रमशः २% और लगभग २.७५% से अधिक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जो बाजार में एक व्यापक सुधार का संकेत देती है।
