
बाढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत एएनएस कॉलेज मोड़ के पास स्थित बैंक ऑफ इंडिया के ढीबर ब्रांच में सोनार के फर्जी जांच सर्टिफिकेट पर 23 खाताधारियों ने नकली सोना देकर 97 लाख रुपये का गोल्ड लोन ले लिया और कर्ज की राशि वापस नहीं की। ऐसे में साजिश कर रुपये हड़पने के आरोप में बैंक मैनेजर राहुल कुमार के बयान पर सोनार और 23 खाताधारी जालसाजों पर केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 और 22 के दौरान 23 लोगों ने गोल्ड लोन के लिए बैंक में अर्जी दी थी. इसके बाद सोने का मूल्यांकन करने के लिए सूचीबद्ध सोनार बख्तियारपुर हकीकतपुर निवासी सुमित कुमार को बुलाया गया था। उसके मूल्यांकन के आधार पर सर्टिफिकेट के साथ जरूरी कागजातों और नियमों को पूरा करते हुए बैंक ने गोल्ड लोन दे दिया। बाद में कर्ज की राशि नहीं लौटाने पर 23 खाता धारकों के अकाउंट को बैंक ने ब्लैक लिस्टेड करते हुए एनपीए घोषित कर दिया। इसके बाद दूसरे सूचीबद्ध सोनार पटना सिटी निवासी आशीष कुमार द्वारा बैंक में रखे गये सोने की जांच की गयी है, तो वह नकली पाया गया. बैंक मैनेजर के अनुसार आभूषण जांचकर्ता सुमित कुमार की मिलीभगत से सभी कर्जदारों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक की रकम हड़प ली है।
इसके पूर्व भी इसी बैंक के अन्य ब्रांच से करीब दो करोड़ से अधिक रुपये की गोल्ड लोन राशि तीन दर्जन से अधिक जालसाजों ने नकली सोना देकर हड़प ली थी। इसको लेकर केस भी हुआ, पर जांच ठंडे बस्ते में चली गय। इन पर प्राथमिकी इस मामले में बैंक ने नयाटोला माधोपुर के अविनाश कुमार ब्राह्मणी कॉलोनी बाढ़ के बृजेश कुमार, हुसैनगंज के दीपक कुमार पटेल, बुढरा के धर्मेंद्र कुमार, गर्ल्स स्कूल बाढ़ की खुशी कुमारी, परसामा की अनीता देवी, कौशल किशोर, सुधीर सिंह, रामनगर दियारा के अतुल अनुराग, सुलेमान दरगाह बाढ़ के गौतम कुमार, करजान देवी स्थान की जयमाला देवी, बालिपुर बाढ़ की कुसुम देवी, भुआपुर के मनीष कुमार, शेरपुर नालंदा की नीतू देवी, सबनीमा के रोशन कुमार और बिहारी बीघा के शशि कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया है। इसमें कई ने दोहरा लोन लिया है।