सिविल सर्जन के निर्देशानुसार राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सबल सेंटर में आयोजित किया गया. इस मौके पर सिविल सर्जन डा. साहिर पाल ने कहा कि कुष्ठ रोग की जल्द पहचान कर ईलाज करवाने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सबको मिल कर कुष्ठ रोग को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा की आज के प्रशिक्षण में दी गयी जानकारी को धरातल पर अमलीजामा पहनाने की जरूरत है. हमें भी कुष्ठ रोगियों से समान्य रोगी जैसा व्यवहार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग नियमित रूप से एम0डी0टी0 दवा का सेवन करने से यह बिल्कुल ठीक हो सकता है।
एक दिवसीय कुष्ठ प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में जिला कुष्ठ परामर्शी डा. राजीव लोचन महतो ने कुष्ठ रोग के लक्षण, प्रकार, एम डी टी का संसोधित उपचार मार्गदर्शन पर प्रशिक्षण दिया. उन्होंने बताया की पहला अप्रैल 2025 से पूरे देश में कुष्ठ रोग का नया संसोधित उपचार लागू किया गया. उन्होंने विस्तारपूर्वक नया संसोधित उपचार के बारे में अवगत कराया साथ ही शत प्रतिशत क्रियान्वयन करने अनुरोध किया. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को कुष्ठ रोग के कार्डिनल सिम्पटम्स, डायग्नोसिस, ट्रिटमेंट के बारे में विस्तार से बताया. खगेन दास गुप्ता ने डीपीएमआर के अंतर्गत सेल्फ केयर तथा रिकंस्ट्राटिव सर्जरी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ 0 रंजीत कुमार पांडा ने कहा कि सरकार के तरफ से चलाए जा रहे जन-कल्याणकारी योजनाओं को कुष्ठ मरीजों तक भी पहुंचाने की जरूरत है. कुष्ठ रोग के प्रति फैले भ्रांतियां को दूर करने की जरूरत है।कुष्ठ रोगियों के प्रति नजरिया बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि उन्हें भी समाज के मुख्यधारा में लाने की जरूरत हैं. इस मौके पर जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय के सोशल वर्कर कुंदन कुमार, ऋषिकेश गिरि, सबल सेंटर के त्रिलोचन, सौमेन साहा आदि मौजूद थे।
