
पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के नाम अब एक और उपलब्धि जुड़ गई। सोमवार को पीजीआइ चंडीगढ़ के डाक्टरों के सहयोग से एक युवक का सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण किया गया। उसे मां ने किडनी देकर जीवन दान दिया है। सीतामढ़ी का 34 वर्षीय युवक सात महीने से डायलिसिस पर था। एम्स के नेफ्रोलाजी विभाग में भर्ती होकर सोमवार को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कराया गया। उन्हें 58 वर्षीया मां ने अपनी किडनी दी है।
पीजीआइ चंडीगढ़ के डा. दीपेश किनवर और एम्स पटना यूरोलाजी के डा. कमलेश गुंजन ने सफलतापूर्वक यह सर्जरी किया। युवक नेफ्रोलाजी विभाग में भर्ती है, जबकि मां यूरोलाजी विभाग में भर्ती है। दोनों स्वस्थ है। एम्स में दो वर्षों से किडनी प्रत्यारोपण की कवायद चल रही थी। सितंबर 2024 में किडनी प्रत्यारोपण की अनुमति मिली थी। आइजीआइएमएस से डा. अमरेश कृष्ण के एम्स में बतौर नेफ्रोलाजी विभागाध्यक्ष योगदान के बाद प्रत्यारोपण की कवायद ने रफ्तार लिया।
संस्थान के नेफ्रोलाजी एवं यूरोलाजी विभाग की टीम सफल प्रत्यारोपण के लिए बधाई के पात्र हैं। इस प्रत्यारोपण के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ के टीम को भी बधाई देते हैं। वर्तमान में मरीज व डोनर दोनों बेहतर है। 48 घंटे डाक्टरों गहन निगरानी में रखा गया है। – प्रो. सौरभ वाष्र्णय, कार्यकारी निदेशक एम्स घटना आज होगा दूसरा प्रत्यारोपण एम्स पटना में दूसरा किडनी प्रत्यारोपण मंगलवार को निर्धारित है। यह प्रत्यारोपण जहानाबाद की 21 वर्षीय मेडिकल छात्रा का होना है। वह बीते डेढ़ वर्ष से एम्स में उपचाराधीन है। उसे 52 वर्षीय पिता किडनी देंगे। मेडिकल छात्रा वर्तमान में राजस्थान के एक मेडिकल कालेज से एमबीबीएस कर रही है।