
फुलवारीशरीफ एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ जीके पाल ने कहा कि एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा बहुत जल्द मिलेगी। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट तीन लाख रुपए में होने की उम्मीद है। वहीं – प्राइवेट अस्पताल में 10-12 लाख रुपए खर्च होते हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और लीवर ट्रांसप्लांट के लिए एम्स नई दिल्ली के साथ सहयोग शामिल है। लीवर ट्रांसप्लांट की शुरुआत के लिए प्रक्रिया हो चुकी है। बुधवार को एम्स के 13वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ पाल ने गत एक वर्ष में एम्स की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान वर्तमान में प्रति दिन 7,000 मरीजों को ओपीडी सेवा प्रदान कर रहा है। आईपीडी में भर्ती मरीज 85 प्रतिशत से अधिक हैं और सर्जरी के लिए प्रतीक्षा समय को दो साल से घटाकर केवल 25 दिन करने की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। एमआरआई की एक और मशीन एक माह के अंदर लग जाएगी।
क्रिटिकल यूनिट मार्च 2025 एवं बर्न यूनिट दिसंबर 24 से बेहतर प्रदर्शन के लिए स्टूडेंट्स सम्मानित कार्यक्रम में एम्स के स्टूडेंट को बेहतर अकादमिक प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों के लिए निदेशक डॉ जीके पाल और अध्यक्ष डॉ सुब्रत सिन्हा ने प्रमाणपत्र प्रदान किए। अंत में डीन डॉ प्रेम कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस मौके पर उप निदेशक नीलोत्पल बल, अधीक्षक डॉ अनूप कुमार, डॉ • ज्योति प्रकाश, डॉ संजीव कुमार, डॉ अमित राज, डॉ मुक्ता अग्रवाल, डॉ अनिल कुमार, डॉ क्रांति भावना, डॉ अमरेश कृष्णा, डॉ रमेश कुमार, डॉ उत्पल आनंद, डॉ जगजीत पांडेय, डॉ चंद्रमोहन ठाकुर, डॉ संजय पांडेय, डॉ विकास चंद्र झा, डॉ संगम झा, डॉ कमलेश गुंजन मौजूद थे।
डॉ पाल ने कहा कि 250 आईसीयू बेड का क्रिटिकल यूनिट मार्च 2025 में आंरभ हो जाएगा। भवन का निर्माण आधा से अधिक हो चुका है। वहीं बर्न यूनिट इसी साल दिसंबर में चालू करा दिया जाएगा। वहीं इमरजेंसी के लिए 60 बैंड के निर्माण के लिए फाइनेंस बॉडी से पारित कर लिया गया है। इसमें 40 बेड आईसीयू के होंगे। इसमें 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एम्स पटना फैकल्टी और नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए रोलिंग विज्ञापन प्रणाली लागू करने वाला पहला संस्थान भी बन गया है। पटना एम्स को अनुसंधान परियोजनाओं के लिए 25 करोड़ से अधिक प्राप्त हुए। एम्स गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष डॉ. सुब्बत सिन्हा ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के सफल कार्यान्वयन के लिए एम्स पटना की सराहना की। एम्स गवर्निंग बॉडी के सदस्य सह पीएमसीएच फिजियोलॉजी विभाग के हेड डॉ राजीव कुमार सिंह, एम्स दरभंगा के निदेशक डॉ. माधवानंद कर, आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार, डॉ. उमेश कुमार भदानी ने भी विचार रखे।