December 29, 2025
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नोबेल प्राइज़ डायलॉग इंडिया 2025 का आयोजन टाटा ट्रस्टस् के साथ विशेष साझेदारी में किया गया। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में आयोजित हुआ, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेताओं, प्रमुख वैज्ञानिकों, विचारकों और छात्रों ने भाग लिया। ‘द फ्यूचर वी वांट’ विषय पर केंद्रित यह संवाद ज्ञान, समावेश, स्थिरता और आशा पर सार्थक एवं प्रेरक चर्चाओं का मंच बना।अपने उद्घाटन संबोधन में टाटा ट्रस्‍टस् के सीईओ सिद्धार्थ ने कहा, ‘’भारत की सबसे बड़ी पूंजी उसके प्राकृतिक संसाधनों में नहीं, बल्कि उसके लोगों की शक्ति और सीखने की क्षमता में निहित है। इसी दृष्टि से टाटा ट्रस्टस् ने उत्कृष्टता के केंद्रों को सशक्त बनाने की विरासत विकसित की है। नोबेल प्राइज़ आउटरीच के साथ हमारी साझेदारी इसी साझा विश्वास पर आधारित है कि ज्ञान का उपयोग मानवता की सेवा के लिए किया जाना चाहिए।

आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भविष्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय से परिपूर्ण होगा, और इसे साकार करने के लिए हमें युवाओं को सशक्त बनाना होगा तथा नवाचार को उन तक पहुँचाना होगा जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।आज हम इस प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस महत्वपूर्ण संवाद की मेजबानी करने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।‘’

नोबेल पुरस्कार विजेता डेविड मैकमिलन (केमिस्ट्री, 2021) ने अपने विचार साझा करते हुए ऑर्गेनोकैटेलिसिस और महान विचारों की शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘’ हम जलवायु परिवर्तन के समाधान से बस एक कैटेलिटिक प्रतिक्रिया दूर हैं। हमें दुनिया को यह समझाने का बेहतर प्रयास करना होगा कि ये वैज्ञानिक क्षेत्र कितने निर्णायक हैं, क्योंकि हम वास्तव में समाधान के बेहद करीब हैं।‘’ भारत में अपने अनुभव को साझा करते हुए मैकमिलन ने कहा, ‘’ मैं पहली बार भारत आया हूँ और यहाँ का अनुभव अविश्वसनीय रहा है। देश में सशक्त ऊर्जा, आत्मविश्वास और आकांक्षा का वातावरण महसूस होता है। यह वास्तव में भारत का समय है — और भारत इसे भली-भाँति जानता है।‘’

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