भारत के इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता जनवरी में अपना कार्यकाल समाप्त होने पर पद छोड़ देंगे। यह निर्णय निजी ऋणदाता में चल रहे संगठनात्मक पुनर्गठन के बीच नवीनतम नेतृत्व परिवर्तन को चिह्नित करता है। बैंक को ३१ मार्च को समाप्त तिमाही में अपना अब तक का सबसे बड़ा तिमाही नुकसान दर्ज करना पड़ा था। यह नुकसान शासन और लेखांकन विफलताओं के कारण बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में २३० मिलियन डॉलर (करीब एक हज़ार नौ सौ करोड़ रुपये) की चूक के बाद हुआ था, जिसके चलते इसी वर्ष पूर्व सीईओ सुमंत कथपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने भी इस्तीफा दे दिया था।
सुनील मेहता, जो जनवरी २०२३ से इंडसइंड बैंक के चेयरमैन थे, उन्होंने बोर्ड को अपने कार्यकाल की समाप्ति पर पद छोड़ने की इच्छा के बारे में सूचित कर दिया है। यह कदम बैंक में अगस्त २०२५ में वरिष्ठ बैंकर राजीव आनंद के नए सीईओ का पद संभालने के बाद से शुरू हुए व्यापक संगठनात्मक बदलावों का हिस्सा है। इस प्रक्रिया के तहत, पिछले तीन महीनों में एक नए मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। बैंक के प्रवक्ता ने कहा है कि चेयरमैन और बोर्ड संगठन का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और लागू कानूनों के अनुसार उचित स्तर पर आवश्यक खुलासे जारी रखेंगे।
