August 25, 2025
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नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने गुरुवार को कहा कि अगले तीन सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था जर्मनी और जापान से बड़ी हो जाएगी और 2047 तक यह दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बन सकता है क्योंकि बाकी सभी चीजों को अलग रखते हुए इसका सबसे बड़ा फायदा इसका लोकतंत्र है।

उन्होंने कहा, “फिलहाल, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगले साल के अंत तक हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएंगे। उसके बाद के साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएंगे।”

उन्होंने कहा, “हम तीन साल के समय में जर्मनी और जापान से बड़े हो जाएंगे। 2047 तक हम दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) हो सकते हैं।”

सीईओ ने लॉ फर्म और अकाउंटिंग फर्म सहित भारतीय कंपनियों से विश्व में अग्रणी बनने की आकांक्षा रखने का आग्रह किया।

इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि मध्यम आय वाले देशों की समस्याएं कम आय वाले देशों की समस्याओं से बहुत अलग हैं।

उन्होंने कहा, “यह गरीबों को खाना खिलाने या नंगे लोगों को कपड़े पहनाने के बारे में नहीं है। यह इस बारे में है कि आप ज्ञान अर्थव्यवस्था कैसे बनते हैं।” अपने भाषण में नीति आयोग के सीईओ ने दुनिया भर में जनसांख्यिकीय बदलावों पर भी प्रकाश डाला और कहा, “दुनिया ने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है, जहां जनसंख्या घटेगी।” उन्होंने कहा, “भारत दुनिया भर में कामकाजी उम्र के लोगों का एक स्थिर आपूर्तिकर्ता होगा…यह हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।” उन्होंने जापान और जर्मनी द्वारा भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों की सक्रिय रूप से भर्ती करने के उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, “जापान 15,000 भारतीय नर्सों को ले रहा है, जर्मनी 20,000 स्वास्थ्य कर्मियों को ले रहा है, क्योंकि उनके पास लोग नहीं हैं और वहां पारिवारिक व्यवस्थाएं टूट गई हैं।”

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