
भारत ने बांग्लादेश के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच सोमवार को कुछ जूट उत्पादों और रस्सियों के जमीनी मार्गों से आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, इन आयातों को न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से अनुमति दी गई है. डीजीएफटी की अधिसूचना में कहा गया, ‘भारत-बांग्लादेश सीमा पर किसी भी भूमि बंदरगाह से बांग्लादेश से आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी.’
इसमें कहा गया है, ‘बांग्लादेश से भारत में कुछ वस्तुओं के आयात को फौरन प्रभाव से विनियमित किया जाता है.’ इस सूची में शामिल उत्पादों में जूट से बने बुने हुए कपड़े, रस्सी, जूट की बोरियां और थैले शामिल हैं. इससे पहले 27 जून को भी भारत ने बांग्लादेश से कई जूट उत्पादों और बुने कपड़ों के सभी स्थलीय मार्गों से आयात पर रोक लगाई थी. वहीं दूसरी तरफ भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर होने वाली द्वि-वार्षिक वार्ता इस महीने के अंत में ढाका में होगी.
यह पहला मौका होगा जब शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ढाका का दौरा करेगा. यह 56वीं डायरेक्टर जनरल (डीजी) स्तरीय सीमा वार्ता होगी, जो कि 25 से 28 अगस्त तक बांग्लादेश की सीमा रक्षा बल (बीजीबी) के मुख्यालय पीलखाना में होगी. बीएसएफ और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच यह वार्ता दोनों देशों के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर पर होने वाले विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए काफी खास है.