घर में अन्न के नाम पर मुट्ठीभर आटा। हाथ टूट जाने से मजदूरी मिलना भी मुहाल। ऊपर से भारी ब्याज पर मामूली कर्ज देने वाली माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के गुर्गों की रोज की प्रताड़ना। आठ माह पहले पत्नी को खो चुके पिता को मुसीबतों के पहाड़ ने तोड़ दिया। मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के नवलपुर मिश्रौलिया गांव में पिता अमरनाथ ने रविवार तड़के अपने पांच मासूम बच्चों के साथ फांसी लगा ली। अमरनाथ और तीन बेटियों ने फंदे पर ही दम तोड़ दिया। छह और चार साल के दो बेटे किसी तरह मौत को मात देकर बच गए।
इस दर्दनाक घटनाक्रम में अमरनाथ के दोनों पुत्र शिवम कुमार (8) और अभिराज उर्फ चंदन (4) गले में फंसे फंदे को पकड़कर किसी तरह ट्रंक पर चढ़ गए। दोनों ने गर्दन से फंदे को सरका कर निकाला। इसके बाद घर से रोते हुए बाहर निकले और चचेरे दादा सीताराम को जगाकर घटना की जानकारी दी। तब आसपास के लोग जुटे। सूचना पर पहुंची सकरां थाने की पुलिस ने अरमनाथ राम (36), अनुराधा कुमारी (12), शिवानी – कुमारी (10) और राधिका कुमारी (06) का शव फंदे से उतारा। अमरनाथ ही पत्नी दीपा की करीब आठ माह पहले मौत हो चुकी है।
डीआईजी जयंतकांत, एसएसपी सुशील कुमार, ग्रामीण एसपी, एसडीपीओ, थानेदार समेत बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई। एफएसएल के एक्सपर्ट ने घटनास्थल की जांच की। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज। पोस्टमार्टम से शव आने के बाद जनप्रतिनिधियों के सहयोग से देर शाम में अंत्येष्टि की प्रक्रिया की गई।आर्थिक तंगी और बच्चों की परवरिश के बोक से परेशान अमरनाथ राम ने तीन बेटियों संग फंदा लगा आत्महत्या कर ली है। चार लोगों की मौत हुई है। निजी माइक्रो फाइनेंस के कर्ज की भी बात सामने आई है। दो बच्चों को सरकारी मदद की पहल की जा रही है।
