
नोएडा में बने एक परीक्षा केंद्र पर शनिवार को बैंक क्लर्क की परीक्षा में दूसरे के स्थान पर पेपर देते सॉल्वर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पटना के रुकनपुरा निवासी आरोपित आईआईएम इंदौर से एमबीए पास है और गुरुग्राम की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी कर रहा है। पुलिस ने सॉल्वर के पास से मोबाइल समेत अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। पूछताछ में पता चला है कि वह 2018 से इस प्रकार का फर्जीवाड़ा कर रहा है। एसीपी वर्णिका सिंह ने बताया कि शनिवार को फेज तीन थाना प्रभारी को सूचना मिली की सेक्टर-64 स्थित आदर्श परीक्षा केंद्र पर जांच के दौरान एक ऐसे युवक को पकड़ा गया, जो मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने आया है। पुलिस ने केंद्र पर पहुंचकर आरोपित को दबोच लिया।
उसकी पहचान बिहार के पटना निवासी 35 वर्षीय विश्व भास्कर पुत्र नन्दकिशोर सिन्हा निवासी आश्रय विहार कॉलोनी, थाना रुकनपुरा के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला किआरोपित रुपये लेकर छात्रों को पास् कराता है। वह मोहित मीणा के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। इसके लिए उसने 50 हजार रुपये लिए थे। पूछताछ में आरोपित ने कुछ साथियों के नाम भी बताए हैं।पूछताछ गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपित से छह घंटे तक आरोपित से छह घंटे तक पूछताछ की। उसके पास से विश्व भास्कर नाम से दो आधार कार्ड, पांच हजार, मोबाइल,लैपटॉप, इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन से मूल अभ्यर्थी को प्राप्त दस्तावेज, मोहित मीणा के आधार कार्ड की प्रमाणित छायाप्रति, एडमिट कार्ड और इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन का आवेदन फार्म अभिभावकों से आरोपित की मुलाकात बरामद हुआ। मूल अभ्यर्थी के पटना में हुई थी। आरोपी के खिलाफ फेज तीन थाने में विभिन्न धाराओं में भी केस दर्ज किया गया है।
पटना के कोचिंग संचालकों से संपर्क में था आरोपित ने बताया कि पटना समेत बिहार के कई जिलों में चलने वाली कोचिंग के संचालक उसके संपर्क में है। उन्हीं के माध्यम से वह ऐसे युवकों से संपर्क कर लेता है, जो पढ़ने में कमजोर होते हैं और उन्हें हर हाल में सरकारी नौकरी चाहिए होती है। संपर्क करने के बाद परीक्षार्थी के स्थान पर बैठने के लिए रुपये तय किए जाते थे। आधी रकम उसी समय ले लिया जाता। इसके बाद कुछ फर्जी दस्तावेज बनवाए जाते। मूल परीक्षार्थी या उससे जुड़े लोग आरोपित के संपर्क में रहते हैं। पुलिस अब यह पता करने में जुटी है कि पूर्व में जिन मूल परीक्षार्थी के स्थान पर आरोपित बैठा था, क्या उन्हें सरकारी नौकरी मिल चुकी है। अगर इसकी पुष्टि होती है तो पुलिस संबंधित विभाग से पत्राचार कर अपना पक्ष रखेगी।