
अक्षय तृतीया के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दीघा में जगन्नाथ मंदिर का शानदार उद्घाटन किया। दीघा जगरनाथ धाम मंदिर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी बताया गया है इस मंदिर के उद्घाटन के साथ ही सीएम का या ड्रीम प्रोजेक्ट सरकार हो गया। उद्घाटन मौके पर मानो जगन्नाथ मंदिर रोशनी और साजो सज्जा से नहा गया हो। दूर-दूर से श्रद्धालु और पर्यटक मंदिर में दर्शन के लिए उम्र पड़े बुधवार को इसका कपाट खोल दिया गया। पूरे बंगाल से भक्त और आगंतुक आ रहे हैं। पुरी के मॉडल पर बना यह मंदिर अपने उद्घाटन से पहले ही कई पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।इससे पहले मंगलवार सुबह यज्ञ व अन्य अनुष्ठान शुरू हो गए। बुधवार को मंदिर के कपाट खुलने के बाद ही श्रद्धालु की भारी भीड़ उमड़ी। इस समय दीघा में बहुत सारे पर्यटक मौजूद हैं। लोग जगन्नाथ मंदिर के बाहर खड़े होकर सेल्फी ले रहे हैं और रील भी बना रहे हैं। आम जनता को मंदिर के उद्घाटन से पहले प्रवेश की अनुमति नहीं थी। तीन मंदिरों के कपाट खुले। इसके बाद मंदिर के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए गए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के सभी धार्मिक स्थल से यहां लोग पहुंचे है। मैं खुशनसीब हूं कि ब्रह्मांड के भगवान ने मुझे आशीर्वाद दिया है। मौके पर सीएम ने अपने निजी कोष से एक अपने का झाड़ू मंदिर में दान स्वरूप दिए। स्थानीय लोगों का साथ मिला है। सभी शिल्पियों का पूरा समर्थन मिला है। लोगो की जबरदस्त भीड़ यहां दिख रही है। मजदूरों ने 3 साल की कड़ी मेहनत से मंदिर को बनाया है। सभी को अक्षय तृतीया की शुभकामना है। उन्होंने घोषणा की है कि जगन्नाथ मंदिर की फोटो और प्रसाद बंगाल के सभी घरों में भेजने की व्यवस्था होगी। भक्तों को अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर भगवान के दर्शन प्राप्त हुए। सभी लोग नवनिर्मित विशाल मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीघा स्थित यह मंदिर पर्यटन का अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनेगा। जो देश का गौरव है, बंगाल का गौरव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी सुंदर वास्तुकला हर किसी का गौरव है। ममता के शब्दों में, मैंने यथासंभव प्रयास किया। धर्म का प्रचार कभी मौखिक रूप से नहीं किया जाता। धर्म हृदय को छूता है। जो है भरोसा, विश्वास, प्रेम।पुरी भगवान जगन्नाथ का निवास स्थान है। वहीं, इस बार बंगाल के समुद्र तटीय शहर में जगन्नाथ मंदिर है। इसका निर्माण पुरी मंदिर की शैली में किया गया है। यहां दैनिक पूजा उसी तरह की जाएगी जैसे पुरी के मंदिरों में की जाती है। झंडा हर दिन बदलेगा. हर साल रथ यात्रा दिवस पर जगन्नाथ-सुभद्रा-बलराम के रथ इस मंदिर से निकलेंगे। भगवान की मौसी का घर सामने है। वहां से वे वापस मुड़कर विपरीत रथ पर मंदिर लौटेंगे। उद्घाटन के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। डोना गंगोपाध्याय और उनकी टीम द्वारा नृत्य प्रदर्शन किया। संगीतकार रूपांकर बागची, नचिकेता चक्रवर्ती और अदिति मुंशी सहित कलाकारों का एक समूह पहले ही दीघा पहुंचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम चार चांद लगा दिया।