जमशेदपुर हॉर्टिकल्चरल सोसायटी का पांच दिवसीय फ्लावर शो गोपाल मैदान में शुरू हुआ जिसमें जमशेदपुर, रांची, कोलकाता समेत अन्य जगहोंं के एक्जिबिटर्स ने स्टॉल लगाए हैं. अलग-अलग स्टॉल में आकर्षक पुष्प, सब्जी, फल व औषधीय पौधे भी हैं. रविवार की शाम फ्लावर शो में लोगोंं की काफी भीड़ जुटी। गोपाल मैदान में पांच दिवसीय फ्लावर शो का उद्घाटन टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट कॉरपोरेट सर्विसेज डी बी सुन्दर रामम, जेसीएपीसीपीएल के प्रबंध निदेशक अभिजीत नानौती ने फीता काट कर किया. हॉर्टिकल्चरल सोसायटी ऑफ जमशेदपुर की अध्यक्ष सुमिता नुपूर ने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए फ्लावर शो के बारे में जानकारी दीं. उन्होंने पुष्प प्रदर्शनी की 35 वर्षों की गौरवशाली परम्परा पर प्रकाश डालते हुए आगामी चार दिनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों व गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान विविध पुष्प एवं उद्यान प्रदर्शन, नवीन लैंडस्केप डिजाइन, तकनीकी कार्यशालाएं, प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पर्यावरण जागरूकता से जुड़े शैक्षणिक सत्र आयोजित किए जाएंगे. इस मौके पर लाइफ टाइम सीनियर मेम्बर वी रंगा राव को उनके योगदान एवं दीर्घकालिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया, जिन्होंने वर्षों से सोसाइटी को मार्गदर्शन, प्रेरणा प्रदान की है. इस मौके पर 35वीं वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी के स्मारिका का विमोचन किया गया. साथ ही पुष्प प्रदर्शनी के निर्णायकों को उनके विशेषज्ञ योगदान के लिए सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन सुकन्या दास व धन्यवाद ज्ञापन डा. अनुराधा महापात्रा ने किया. इस मौके पर टाटा स्टील मेरामंंडली के वाइस प्रेसीडेंट ऑपरेशन उत्तम सिंह, चीफ कॉरपोरेट सर्विसेज प्रणय सिन्हा, टीएमएच की जीएम विनीता सिंह, जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय, टीएसपीडीएल समेत अन्य यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, विजया लक्ष्मी दास समेत अन्य मौजूद थे।
जमशेदपुर की संस्कृति उसकी हरियाली, स्वच्छता व सामूहिक जिम्मेदारी मे बसती: रामम टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट कॉरपोरेट सर्विसेज डी बी सुन्दर रामम ने गोपाल मैदान में आयोजित फ्लावर शो के उद्घाटन के मौके पर कहा कि जमशेदपुर की संस्कृति उसकी हरियाली, स्वच्छता और नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी में बसती है. उन्होंने कहा कि शहर को और अधिक हरित व स्वच्छ बनाना अब केवल सपना नहीं, बल्कि एक साकार होती वास्तविकता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रकाशित एक स्मारिका (सुवेनियर) में जमशेदपुर की संस्कृति को बहुत सुंदर ढंग से दर्शाया गया है. इसे देखने के बाद लगता है कि जमशेदपुर की संस्कृति पर और कुछ कहने की जरूरत नहीं रह जाती. इससे पहले मीडिया के पूछे गए जामशेदपुर की खासियत क्या है, तो इसका सीधा जवाब देते हुए कहा कि यहां के नागरिक. उन्होंने कहा कि शहर की पहचान उसके लोगों के व्यवहार, सोच और सामूहिक प्रयासों से बनती है। उन्होंने कहा कि भले ही आज की पीढ़ी ने जमशेदजी नुसरवानजी टाटा को नहीं देखा, लेकिन जिस तरह से जामशेदपुर को बसाया गया विकसित किया गया, वह आज भी शहर की कार्यशैली में झलकता है. आज जिस तरह से हरियाली को बढ़ावा दिया जा रहा है और शहर का समग्र विकास हो रहा है, उससे लगता है कि हम जमशेदजी टाटा की विरासत को सच्चे अर्थों में आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य जमशेदपुर को देश का सबसे हरा भरा शहर बनाना है.उन्होंने बताया कि जामशेदपुर आज कई हरित शहरों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है और स्वच्छता के क्षेत्र में भी शहर ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. उन्होंनें फ्लावर शो का एक प्रमुख उद्देश्य लोगों को, विशेषकर बच्चों को, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना है. सिर्फ यह कहना कि पौधे लगाइए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि बच्चों और लोगों को इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने के अवसर देने चाहिए. उन्होंने बताया कि टाटा समूह ने वर्ष 2045 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. यह लक्ष्य केवल औद्योगिक इकाइयों में किए गए प्रयासों से ही नहीं, बल्कि समुदाय स्तर पर उठाए गए कदमों से भी हासिल किया जा सकता है।
