
मोनाड यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री और मार्कशीट नौ राज्यों के युवाओं को बेचे जाने के साक्ष्य एसटीएफ को मिले हैं। यह धंधा कोरोना काल में शुरू किया गया था। अब एसटीएफ की जांच में 2015 के बाद से एक-एक डिग्री का रिकार्ड चेक किया जाएगा। प्रारंभिक जांच में सबसे अधिक डिग्रियां बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के युवाओं को बेची गईं।
इन राज्यों में 30 हजार से अधिक डिग्रियां बेची गई हैं। बिहार में सबसे अधिक एमए और बीएड की डिग्रियां बेची गई हैं, जिनमें कुछ डिग्रियां 10 लाख रुपये तक में बेची गईं। वहीं, एसटीएफ की ओर से और एफआइआर भी दर्ज कराई जा सकती हैं। एसटीएफ के रडार पर मोनाड के वर्तमान मालिकों के साथ ही पूर्व मालिक और कर्मचारी भी हैं।
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, मोनाड के कर्मचारियों और मालिकों के साथ ही डिग्रियों की बिक्री के लिए दलाली करने वालों और फर्जी डिग्री लेने वालों को भी आरोपित बनाया जाएगा। पिलखुवा थाने के एसएचओ पटनीश कुमार ने बताया कि टीम को हरियाणा बिहार सहित कई राज्यों में भेजा जाएगा।