मुजफ्फरपुर में कर्ज और आर्थिक तंगी से परेशान परिवार के सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आने के बाद बिहार सरकार हरकत में आ गई है। राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) बिहार में संचालित नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) की वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ दर्ज मामले में कार्रवाई तेज करेगी। ईओयू जल्द आरोप पत्र दाखिल करेगी। पटना में मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में गुरुवार को आयोजित ‘अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम, 2019’ (बैनिंग ऑफ अन-रेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट, 2019 ) के तहत गठित राज्यस्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुजफ्फरपुर सामूहिक आत्महत्या कांड के बाद ऐसे मामलों में कार्रवाई की मांग तेज हो गई है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। आर्थिक अपराध इकाई को निर्देश दिया गया कि जो मामले जांच के स्तर पर हैं, उन्हें जल्द से जल्द सक्षम न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए। शिकायत गलत पाए जाने वाले मामलों को बंद किया जाए।
साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य में आम लोगों को फर्जी एनबीएफसी की गतिविधियों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान को नियमित रूप से किया जाए। इसमें सभी हितधारक अपने-अपने सोशल मीडिया, विज्ञापन एवं अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार कराएं।
बैठक में बताया गया कि वित्त विभाग द्वारा रेडियो जिंगल्स, विज्ञापन एवं अन्य माध्यमों से प्रत्येक माह फर्जी जमा योजनाओं से जुड़े मामलों से बचने के लिए जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिले के सकरा थाना क्षेत्र के नवलपुर मिश्रौलिया गांव में बीते सोमवार अहले सुबह पिता ने अपनी 3 बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली थी। दो बेटों को भी पिता ने फांसी के फंदे पर लटकाया था, लेकिन वे किसी तरह बचकर निकल गए। पत्नी की कुछ महीने पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया गया कि परिवार कर्ज के तले दबा हुआ था। माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी परिवार को वसूली के लिए परेशान कर रहे थे।
