एचडीएफसी म्यूचुअल फंड द्वारा संचालित जागृति यात्रा का 18वां संस्करण शनिवार को नालंदा पहुँचा। यह यात्रा अपनी 15 दिवसीय, 8,000 किलोमीटर की राष्ट्रीय यात्रा को जारी रखते हुए भारत और विदेश के 500 युवा उद्यमियों को एकजुट कर रही है। 68,000 से अधिक आवेदकों में से चुने गए ये प्रतिभागी उद्यम-आधारित विकास और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के मिशन का प्रतीक हैं। एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ श्री नवनीत मुनोत ने वित्तीय जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सच्चा सशक्तिकरण तब होता है जब युवा भारतीय न केवल बड़े सपने देखते हैं बल्कि सोच-समझकर वित्तीय विकल्प भी चुनते हैं। जागृति यात्रा आत्मविश्वास और राष्ट्र निर्माण की इसी भावना का प्रतीक है।”
दिन की शुरुआत नालंदा खंडहरों के भ्रमण से हुई, जिसके बाद नए नालंदा विश्वविद्यालय का भ्रमण किया गया, जो भारत की समृद्ध शैक्षिक विरासत को आधुनिक उद्यमशीलता की आकांक्षाओं से जोड़ता है। दोपहर में देशज लैब्स के वीरेंद्र कुमार द्वारा संचालित कृषि एवं ग्रामीण उद्यम पैनल की एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें पद्मश्री राजकुमारी देवी और प्रोफेसर नागराज प्रकाशम ने सतत कृषि, ग्रामीण नवाचार और महिला-नेतृत्व वाली उद्यमिता पर अपने विचार व्यक्त किए।
नालंदा में, स्थानीय व्यवसायों ने यात्रियों का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। कारीगरों, स्थानीय खाद्य विक्रेताओं और छोटे उद्यमियों ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और पारंपरिक शिल्प और क्षेत्रीय उत्पादों का प्रदर्शन किया, तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि जागृति यात्रा जैसी पहल स्थानीय वाणिज्य और उद्यमशीलता की भावना को कैसे प्रोत्साहित कर सकती है। जागृति यात्रा के संस्थापक श्री शशांक मणि ने कहा, “नालंदा में खड़े होना भारत के अतीत और भविष्य के चौराहे पर खड़े होने जैसा है।” यह यात्रा टैली सॉल्यूशंस और कैंपा द्वारा समर्थित है, जो उद्यमियों की अगली पीढ़ी को पोषित करने के लिए इंडिया इंक की प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है।
