सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सहयोग से मंगलवार की शाम बिष्टुपुर स्थित चैम्बर भवन मे नए लेबर लॉ कोड पर सेमिनार का आयोजन किया जिसमें उद्योगपतियों, व्यवसायियों, एचआर प्रोफेशनल्स व प्रबंधन प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस मौके पर मुख्य वक्ता ईवाई के डायरेक्टर रवि जायसवाल व सीनियर मैनेजर रीमा जलान थी. वक्ताओं ने नई श्रम संहिता के प्रावधानों, अनुपालन ढांचे व उनके व्यावहारिक प्रभावों पर विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि यह संहिता कार्यस्थल सुधारों के एक नए युग की शुरुआत करती है।उन्होंने कहा कि नई श्रम संहिता के अंतर्गत अनेक पुराने व जटिल श्रम कानूनों का समेकन किया गया है, जिससे नियोक्ताओं के लिए अनुपालन प्रक्रिया अधिक सरल, पारदर्शी एवं एकरूप हो गई है।
वेतन, कार्यघंटों एवं रोजगार शर्तों की स्पष्ट परिभाषा से मानव संसाधन प्रबंधन अधिक सुव्यवस्थित होगा. डिजिटल रजिस्ट्रेशन, रिटर्न एवं रिकॉर्ड-कीपिंग की व्यवस्था से कागजी कार्यवाही में कमी आएगी तथा प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी. औद्योगिक संबंधों में स्पष्टता आने से विवादों की संभावना कम होगी, जिससे उद्योगों को स्थिर व अनुकूल कारोबारी वातावरण प्राप्त होगा. वहीं दूसरी ओर, वेतन की नई परिभाषा के कारण भविष्य निधि, ग्रेच्युटी एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योगदान में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे नियोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है. चैम्बर अध्यक्ष मानव केडिया ने कहा कि जिस तरह केन्द्र सरकार ने 17 अप्रत्यक्ष कर कानूनों को समाप्त कर जीएसटी लाया गया उसी तरह 29 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम कोड केन्द्र सरकार के द्वारा लाया गया है जो कि एक सराहनीय कदम है अब इसमें झारखण्ड सरकार को जल्द नियमावली बनाना है जिसपर कार्य करने की आवश्यकता ह।
एसिया के अध्यक्ष इन्दर अग्रवाल ने कहा कि नये श्रम कानून में और सुधार की आवश्यकता है. इस पर सरकार को विचार करने की आवश्यकता है. अगर इस कानून को इसी प्रारूप में लागू किया गया तो समस्यायें बढऩे वाली है. मंच संचालन चैम्बर के महासचिव पुनीत कावंटिया व धन्यवाद ज्ञापन सचिव विनोद शर्मा ने किया. इस मौके पर चैम्बर अध्यक्ष मानव केडिया, महासचिव पुनीत कावंटिया उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, सचिव अंशुल रिंगसिया, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया समेत चैम्बर व एसिया के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।
