
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने मंगलवार को पार्क डिवीजन पटना के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) सुबोध कुमार गुप्ता के पटना के ईस्ट बोरिंग कैनाल रोड स्थित अंबा अपार्टमेंट के फ्लैट नं. 403 में छापेमारी की. इस दौरान सुबोध कुमार गुप्ता, उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्री के नाम पर फ्लैट, मकान, दुकान व प्लॉट समेत 10 से अधिक अचल संपत्तियां सामने आयी हैं. उनके और उनके परिजनों के नाम पर पटना, दानापुर, वैशाली और राजगीर में बहुमूल्य चल-अचल संपत्ति के कागजात मिले हैं. बाजार में इनका मूल्य करोड़ों में बताया जा रहा है. इसके अलावा 41 लाख रुपये बैंक बैलेंस व भारी मात्रा में जेवरात भी बरामद हुए हैं. इससे पहले एसवीयू ने सुबोध कुमार गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया।
गुप्ता 1988 बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में निलंबन की स्थिति में थे, लेकिन बगैर सूचना मुख्यालय से गायब चल रहे थे. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (b), 13(2), 12 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 61(2) (a) के तहत केस दर्ज किया गया है. इसके अनुसार सुबोध ने सेवा के दौरान 46,36,400 रुपये की अवैध और अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की. हालांकि छापे के दौरान कई गुना अधिक संपत्ति मिली है.छापेमारी में सुबोध कुमार गुप्ता और उनके परिवार के नाम पर पटना समेत विभिन्न जिलों में करोड़ों की अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है. जांच में सुबोध कुमार गुप्ता के नाम पर पूर्वी बोरिंग कैनाल रोड में एक मकान (होल्डिंग संख्या-495/414ए) का पता चला है।
उनकी पत्नी मिनु गुप्ता के नाम पर मकान संख्या-23, हाउसिंग कॉलोनी, कृष्णा नगर, फ्लैट संख्या-303 ताजकृष्णा अपार्टमेंट (पूर्वी बोरिंग कैनाल रोड, नियर राजापुर पुल), एक बेसमेंट दुकान राजकृष्णा अपार्टमेंट (पूर्वी बोरिंग रोड, नियर राजापुर पुल), एक प्लॉट लालगंज (वैशाली) और एक प्लॉट राजगीर (नालंदा) में भी मिला है. मिनु गुप्ता और पुत्र स्वप्नील के संयुक्त नाम पर फ्लैट संख्या-413 सिल्वर कोस्ट अपार्टमेंट, मिथिला कॉलोनी, दानापुर (एग्रीमेंट पर आधारित) भी है. स्वप्नील के नाम राजगीर (नालंदा) में एक प्लॉट और पुत्री सुशमिता के नाम पर एक्वा सिटी, फेज-1, उसरी बाँध रोड, दानापुर स्थित फ्लैट का एग्रीमेंट दस्तावेज मिला है. परिवार के विभिन्न बैंक खातों में 41 लाख रुपये से अधिक की रकम जमा मिली है. सभी संपत्तियों और खातों की जांच जारी है. देर रात तक चलती रही कार्रवाईछापेमारी देर रात तक जारी रही. टीम ने दस्तावेजों की छानबीन के अलावा इलेक्ट्रॉनिक डेटा और लॉकर से मिले कागजों की भी जांच की. विशेष निगरानी इकाई इस पूरे मामले में जल्द चार्जशीट दाखिल कर सकती है. निगरानी इकाई का कहना है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर जिस तरह की संपत्ति अर्जित की है, वह घोर आपराधिक और नैतिक अपराध की श्रेणी में आता है।