किशोर को बालिग बताकर हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश करने की घटना पुलिस के लिए महंगी साबित हुई है। यह मामला सालिमपुर थाना क्षेत्र से संबंधित है। लखीपुर गांव के किसान कन्हैया कुमार की हत्या के बाद पुलिस पर हमला के आरोप में गिरफ्तार 13 लोगों को न्यायालय ने पीआर बांड पर मुक्त कर दिया। पुलिस ने कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके चलते सालिमपुर थाने के थानेदार और केस के IO को शोकाज किया गया है।
ग्रामीण एसपी और एसडीपीओ को निर्देश दिए गए हैं कि कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराएं। 16 दिसंबर को सालिमपुर थाना क्षेत्र के लखीपुर गांव के निवासी किसान कन्हैया कुमार फसल देखने गए थे, जिसके बाद वे लापता हो गए। दो-तीन दिन बाद उनका शव गंगा से बरामद किया गया, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। पुलिस का आरोप है कि ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला किया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें न्यायालय में एसीजेएम वन के समक्ष पेश किया।
पेशी के दौरान एक किशोर भी था, जिसके हाथ में हथकड़ी लगी थी। वह काफी डरा हुआ था और उसने एसीजेएम से कहा कि पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की है। उसने यह भी बताया कि उसकी 11वीं की परीक्षा छूट गई। ACJM की नजर किशोर पर पड़ी। पुलिस ने उसे बालिग बताकर कोर्ट में पेश किया, जबकि उसे जुवेनाईल भेजा जाना चाहिए था।पुलिस ने गिरफ्तार किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जानकारी लिखित रूप में नहीं दी, जो कि उनकी बड़ी चूक थी। न्यायालय ने इस मामले में पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को संतोषजनक नहीं पाया। न्यायालय ने पुलिसकर्मियों को बताया कि गिरफ्तारी के बाद कारण बताने के लिए लिखित जानकारी देनी होती है।
