July 2, 2025
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बोकारो के तेतुलिया में 103 एकड़ वन भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने मंगलवार को झारखंड और बिहार में 16 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी रांची, बोकारो और धनबाद के अलावा बिहार के बांका जिले के बौंसी में की गई। बौंसी में कैश मिलने की भी सूचना है। वहां पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों को नोट गिनने वाली मशीन के साथ बुलाया गया है। जांच एजेंसी को सूचना मिली थी कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर इस जमीन की खरीद-बिक्री की गई। फिर सरकारी नियमों की अनदेखी कर इस पर कब्जा किया गया। इसके बाद इंडी की टीम ने मंगलवार सुबह 6:30 बजे एक साथ सभी ठिकानों पर दबिश दी। बोकारो में छापेमारी देर शाम तक जारी थी।

रांची में राजवीर कस्ट्रक्शन के हरिओम टावर स्थित कार्यालय और आवास पर भी छापेमारी की गई। यह कंपनी पुनीत अग्रवाल ओर विमल अग्रवाल की है। बिहार के बाँसी में राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक के आवास और श्री राम मेडिकल स्टोर पर भी छापेमारी की है। यहां से कई आम दस्तावेज मिले हैं। इसकी जांच की जा रहये है। करीब 103 एकड़ बन भूमि की खरीद-बिकी के आरोप को लेकर 2024 में बोकारो के सेक्टर-12 थाने में केस दर्ज किया गया था।

इन जगहों पर छापेमारी रांची में हरिओम टॉवर स्थित राजवीर कंस्ट्रक्शन का ऑफिस-घर बोकारो में अपर समाहर्ता ऑफिस बोकारो में एलआरडीसी ऑफिस बोकारो में रजिस्ट्री ऑफिस बोकारो में वन विभाग ऑफिस बोकारो में इजहार हुसैन का घर बोकारो में अख्तर हुसैन के सिवनडीह स्थित आवास बोकारो के बखराईबेड़ा स्थित राजस्व उप निरीक्षक का कार्यालय बोकारो के पूर्व सीओ निर्मल टोप्पो के चीरा चास स्थित फार्महाउस बोकारो के पूर्व सीओ दिवाकर चंद्र द्विवेदी का आवास वन भूमि घोटाले का मामला 2022 का है। बोकारो में प्रशासनिक अफसरों ने एक कंपनी को वन विभाग की 74.38 एकड़ जमीन आवंटित कर दी थी। जनवरी 2025 में बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने उत्तरी छोटानागपुर के आयुक्त से इसकी शिकायत की। उन्होंने बताया था कि बोकारो के 2012-13 के कागजात मांगे तो नहीं मिला बोकारो में जांच एजेंसी ने कई सरकारी कार्यालयों के कागआत खंगाले। अंचल कार्यालय में कागजातों को खंगालते समय इंडी की टीम ने वर्ष 2012-13 और इससे पहले के आगत और निर्गत पंजी व फाइलों की मांग की तो वहां उस वर्ष के काराज नहीं मिले। इसके लिए स्टोर रूम खोला गया, पर स्टोर रूम में रखे बंडल में सांप दिखने के कारण कर्मी डर से भाग निकले। कुछ प्रशासनिक अफसरों ने 2022 में महेंद्र मिश्रा को 10 डिसमिल जमीन के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर शुद्धि पत्र से संबंधित आवेदन में हेराफेरी कर उसे 74.38 एकड़ कर दिया था। इसकी जानकारी महेंद मिश्रा को हुई तो उन्होंने इजहार हुसैन अख्तर हुसैन, रहमत हुसैन ललन सिंह व शैलेश सिंह पर 2024 में केस दर्ज कराया।

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