आर.बी.एल. बैंक ने सोमवार को घोषणा की कि उनके मुख्य वित्तीय अधिकारी (सी.एफ.ओ.), भुवनेश थाराशंकर, ने बैंक से इस्तीफ़ा दे दिया है। पंद्रह दिसंबर, दो हज़ार पच्चीस (१५.१२.२०२५) को कारोबार (बिज़नेस) बंद होने के समय से उनका इस्तीफ़ा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है। थाराशंकर ने अपने इस्तीफ़े में बैंक के बाहर अन्य अवसरों की तलाश करने को अपने निर्णय का कारण बताया और अपने पेशेवर और व्यक्तिगत लक्ष्यों पर विचार करने के बाद इसे अपने करियर के इस मोड़ पर एक सही कदम माना। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले समर्थन और मार्गदर्शन के लिए बैंक के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
आर.बी.एल. बैंक ने बताया कि उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित उत्तराधिकार योजना (सक्सेशन प्लान) के अनुसार, सी.एफ.ओ. पद के लिए एक अंतरिम उत्तराधिकारी (इंटरिम सक्सेसर) की पहचान कर ली गई है। बैंक जल्द ही इस पद के लिए एक स्थायी (पर्मानेंट) प्रतिस्थापन की नियुक्ति के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करेगा, जिसमें बोर्ड और समिति की स्वीकृति प्राप्त करना शामिल है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब यू.ए.ई. के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता एमीरेट्स एन.बी.डी. बैंक पी.जे.एस.सी. ने अट्ठाईस रुपये (₹२८) प्रति शेयर पर छब्बीस हज़ार पाँच सौ अस्सी करोड़ रुपये (₹२६,५८० करोड़) का निवेश करके आर.बी.एल. बैंक में बहुमत हिस्सेदारी (मेजोरिटी स्टेक) हासिल करने पर सहमति जताई है।
