
भगवान महावीर मणिपाल अस्पताल, रांची ने कई जटिल और गंभीर हृदय रोगों का सफल इलाज कर झारखंड में उन्नत हृदय चिकित्सा का प्रमुख केंद्र होने का दर्जा हासिल किया है। अब मरीजों को इलाज के लिए महानगरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यहाँ की विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम – डॉ. धनंजय कुमार, कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी; डॉ. दीपक कुमार, कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी; डॉ. रोहित कुमार, कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी; तथा डॉ. सुनील कुमार, सीनियर कंसल्टेंट – कार्डियोवास्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी – ने कई जीवनरक्षक प्रक्रियाएँ सफलतापूर्वक की हैं।
इनमें शामिल हैं माइक्रा लीडलैस पेसमेकर प्रत्यारोपण (एक छोटा पेसमेकर जो तारों के बिना लगाया जाता है), ट्रांसकैथेटर एऑर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (हृदय वाल्व को बिना बड़ी सर्जरी के बदलना), इम्पेला पंप की मदद से जोखिम एंजियोप्लास्टी (यह छोटा पंप प्रक्रिया के दौरान दिल को सहारा देता है), और अन्य आधुनिक हृदय उपचार। पहले ऐसे इलाज के लिए मरीजों को बड़े शहरों में जाना पड़ता था, अब ये सुविधाएँ रांची में ही उपलब्ध हैं। इन नई उपलब्धियों के साथ, भगवान महावीर मणिपाल अस्पताल ने स्वयं को एक संपूर्ण हृदय रोग उपचार केंद्र के रूप में स्थापित किया है, जहाँ विश्वस्तरीय विशेषज्ञता, अत्याधुनिक तकनीक और बहुविषयक प्रबंधन एक ही छत के नीचे उपलब्ध है।
हाल ही में, 70 वर्षीय गंभीर हृदय विफलता से पीड़ित मरीज का संकुचित वाल्व न्यूनतम आक्रामक तकनीक से टीएवीआर द्वारा सफलतापूर्वक प्रतिस्थापित किया गया। इसी प्रकार, अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे एक उच्च जोखिम वाले मरीज में अत्यंत छोटा लीडलेस पेसमेकर प्रत्यारोपित किया गया। वहीं, 84 वर्षीय गंभीर हृदय विफलता से ग्रसित मरीज का जीवनरक्षक उपचार इम्पेला समर्थित ट्रिपल-वेसल एंजियोप्लास्टी द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त, 60 वर्षीय महिला के हृदय की अत्यधिक कैल्सिफाइड धमनी का उपचार उन्नत स्टेंटिंग तकनीक, आईवीयूएस मार्गदर्शित पीसीआई और ऑर्बिटल एथरेक्टॉमी के माध्यम से किया गया। इन सभी सफलताओं ने अस्पताल की विश्वस्तरीय तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों की विशेषज्ञता, नैदानिक विश्वास और मरीज-केंद्रित देखभाल का अनूठा समन्वय एक बार फिर प्रमाणित किया है।
अस्पताल निदेशक, आबिद तौकीर ने कहा, “इन महत्वपूर्ण सफलताओं के साथ, रांची पूर्वी भारत में हृदय रोग उपचार का उत्कृष्ट केंद्र बनकर उभर रहा है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि झारखंड और बिहार के मरीजों को उन्नत और विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ अब अपने घर के नज़दीक ही मिलें, और उन्हें उपचार के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े।”