October 14, 2025
alcohol and heart

विश्वप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट और हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. दिमित्री यारानोव ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम वीडियो में शराब पीने से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर चेतावनी दी है।
वीडियो में उन्होंने कहा कि लंबे समय तक शराब का सेवन हृदय पर बेहद हानिकारक प्रभाव डालता है और धीरे-धीरे हृदय की संरचना और कार्यक्षमता को नष्ट कर देता है।

डॉ. यारानोव के अनुसार, नियमित रूप से शराब पीने से कम से कम पांच प्रकार की गंभीर हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
इनमें से पहली है अल्कोहोलिक कार्डियोमायोपैथी, जिसमें हृदय की मांसपेशियाँ मोटी, सख्त या बड़ी हो जाती हैं। इससे हृदय की शक्ति कमजोर पड़ जाती है और वह सही ढंग से रक्त पंप नहीं कर पाता।
उनके मुताबिक, हर तीन नियमित शराब पीने वालों में से एक इस बीमारी का शिकार होता है।

दूसरी समस्या है एट्रियल फाइब्रिलेशन (AFib) – यह हृदय के ऊपरी चेंबर की अनियमित और तेज धड़कन की स्थिति है, जो स्ट्रोक के खतरे को कई गुना बढ़ा देती है।
शोध से पता चला है कि AFib से पीड़ित हर चार मरीजों में से एक की शराब पीने की आदत रही है।

तीसरे रूप में, शराब रक्तचाप को बढ़ा देती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
हर एक पेग शराब औसतन 2 से 4 mmHg तक ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है। लंबे समय तक यह बढ़ा हुआ दबाव हृदय की क्षति का कारण बनता है।

चौथा नुकसान है कि यदि कोई व्यक्ति हर दिन तीन या उससे अधिक ड्रिंक्स लेता है, तो स्ट्रोक का खतरा लगभग 50% तक बढ़ जाता है।
अत्यधिक शराब सेवन से रक्त धमनियों की लोच समाप्त हो जाती है और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है।

आखिरी और सबसे गंभीर प्रभाव है कि दीर्घकालिक शराब सेवन कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) यानी हृदय की धमनियों की बीमारी का खतरा दोगुना कर देता है।
यह स्थिति हार्ट अटैक और लंबे समय तक चलने वाली कार्डियोवेस्कुलर जटिलताओं का मुख्य कारण होती है – जो कई बार बिना किसी चेतावनी के जानलेवा रूप ले सकती है।

डॉ. यारानोव की इस चेतावनी का अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है।
संस्था ने कहा है कि हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए शराब का सेवन अत्यंत जोखिम भरा है, और स्वस्थ जीवन के लिए इस पर सख्त नियंत्रण जरूरी है।

विशेषज्ञों की राय है कि शराब के प्रभाव को हल्के में न लेते हुए, हृदय रोग की रोकथाम के लिए जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव अब बेहद जरूरी हो गया है।
नियमित स्वास्थ्य जांच और सही इलाज के साथ-साथ, शराब पर नियंत्रण ही हृदय को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है।

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