टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से जमशेदपुर में संचालित मस्ती की पाठशाला में पढऩे वाले करीब 150 बच्चों का मानो एक सपना सच हो गया जब उन्हें न सिर्फ हवाई जहाज में बैठने का मौका मिला बल्कि उन्हें हवाई जहाज से रांची शहर व आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण कराया गया. उन गरीब बच्चों के लिए यादगार पल बन गया उन्होंने आसमान में उड़ान भरी. एयर इंडिया व टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें बच्चों को हवाई जहाज से उड़ान भरायी गई।
राजधानी रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डा पर मंगलवार एक प्रेरणादायी और सराहनीय पहल देखने को मिली, जब टाटा स्टील फाउंडेशन और एयर इंडिया के प्रयास से मस्ती की पाठशाला में पढऩे वाले बच्चों को हवाई यात्रा का अनुभव कराया गया. यह कार्यक्रम रांची हवाई अड्डा प्रबंधन के सहयोग और समन्वय से आयोजित किया गया. इस दौरान बच्चों के चेहरों पर साफ खुशी झलक रही थी. इस कार्यक्रम के तहत करीब 150 बच्चों को करीब 40 मिनट की हवाई यात्रा करायी गई. हवाई अड्डा पहुंचते ही विमानपत्तन निदेशक की ओर से सभी बच्चों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. अधिकांश बच्चों के लिए यह जीवन का पहला अवसर था, जब उन्होंने न केवल विमान को नजदीक से देखा, बल्कि उसमें बैठकर आसमान में उड़ान भी भरी. उड़ान के दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था. खिडक़ी से नीचे झांकते हुए शहर को देखना, बादलों के बीच उड़ान का अनुभव और विमान के भीतर की गतिविधियों को समझना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था।
इस पहल का उद्देश्य केवल बच्चों को हवाई यात्रा कराना नहीं था, बल्कि उनकी सोच को व्यापक बनाना और उनमें आत्मविश्वास पैदा करना भी था. कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को विमानन क्षेत्र, पायलट, केबिन क्रू, ग्राउंड स्टाफ और एयरपोर्ट प्रबंधन जैसी विभिन्न भूमिकाओं की जानकारी दी गई, जिससे वे भविष्य में इन क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित हो सकें. इस अवसर पर रांची हवाई अड्डा के निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि आज इन बच्चों की आंखों में जो चमक हमने देखी है, वहीं इस पहल की सबसे बड़ी सफलता है. हवाई यात्रा केवल एक अनुभव नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों को नई दिशा देने का माध्यम है. हमारा उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा संसाधनों की कमी के कारण बड़े सपने देखने से वंचित न रहे. ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास और भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित की।
